रायपुर में लोन के नाम पर गैंग ने लगाई 45 परिवारों को बड़ी चपत, जानें मामला

Indrajeet kumar, Last updated: Sun, 10th Oct 2021, 8:23 PM IST
  • रायपुर में शातिर बदमाशों के गैंग ने लगभग 45 परिवारों से 3 करोड़ की ठगी की है. शातिर ठगों ने लोगों के नाम से पैसे उठाकर खुद रख लिया. जब लोगों को लोन की किश्त चुकाने के लिए फोन आने लगा तो इस ठगी का पर्दाफाश हुआ.
प्रतीकात्मक फोटो

रायपुर. शहर में शातिरों के गैंग ने 45 परिवारों के साथ ठगी की घटना को अंजाम दिया है. ये सभी मध्यम वर्गीय परिवार कोविड के दौरान आर्थिक तंगी से परेशान होकर लोन के लिए आवेदन किया था. लेकिन शातिर ठगों ने लोगों के नाम लोन के पैसे उठाकर खुद रख ली. जिसके बाद लोगों को लोन के किश्त के लिए बैंक से फोन आने लगे. लगातार फोन आने के बाद तेलीबांधा इलाके के निवासी मोहन राव ने जब थाने जाकर इसकी शिकायत दर्ज कराई तब पता चला कि इसी तरह के 45 और मामले हैं. जिनके साथ लगभग 3 करोड़ की धोखाधड़ी हुई है. मोहनराव के शिकायत के बाद पुलिस जांच टीम बनाकर फरार ठगों की खोजबीन कर रही है.

पुलिस से की गई शिकायत में मोहनराव ने बताता कि कोविड के कारण उनकी आर्थिक हालात काफी खराब हो गई थी. मोहनराव को उनके पड़ोस में रहने वाली सुनील साहू ने एक लोन एजेंसी के बारे में बताया. जिसके बाद मोहन ने राजेन्द्र नगर स्थित हेल्पिंग फॉर एवर नाम की ब्रांच पर पहुंचे. जिसके बाद इस एजेंसी के तीन डायरेक्टर निखिल कोसले, शिव साहू और शैलेन्द्र मिश्रा ने 3 लाख रुपये का लोन दिलाने का वादा किया था. साथ ही इस आफिस में एक्सिस बैंक का एजेंट नबील खान और जगनमोहन ने मोहनराव से सारे कागजात ले लिए. डायरेक्टर निखिल ने कहा था कि लोन की रकम एक्सिस बैंक से मिलेंगे. जिसके बाद मोहन ये सारी कागजी प्रक्रिया पूरी की.

कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद मैनेजर निखिल कोसले, शिव साहू और शैलेन्द्र मिश्रा ने मोहन राव के सामने शर्त रखा कि लोन में मिलने वाले पैसे का 25 प्रतिशत कमीशन और 25 हजार रुपये प्रोसेसिंग फी के रूप में अलग से देना पड़ेगा. जब मोहनराव ने किश्तों के बारे में पूछा तो तीनों मैनेजर ने कहा कि वे लोन के पैसे में से कुछ पैसे दूसरी कंपनी में इन्वेस्ट करेंगे. फिर उस इन्वेस्ट से जो लाभ होगा उससे किश्त जमा हो जाएगा. पैसे मिलमे के बाद तीनों ठगों ने मोहन के हाथ में 1 लाख रुपये देकर भेज दिया.

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लोन मिलने के कुछ दिनों बाद जब जब मोहनराव को पता कि इनके नाम पर क्रेडिट कार्ड जारी हुआ है. जिसका बिल चुकाया नहीं गया है. साथ ही लोन की किश्तें भी भुगतान नहीं की गई. जब मोहनराव ने लोन एजेंसी के ऑफिस में जाकर तीनों मैनेजर से जाकर इस बारे में बात की तो तीनों ठग मैनेजर ने मोहन को टालकर भगा दिया. इसके बाद जब मोहन ने गांव आकर लोगों से बात किया तो पता चला कि ये धोखाधड़ी 45 से भी ज्यादा लोगों के साथ हुई है. आरोपियों ने कुल 3 करोड़ रकम की ठगी किया है. जिसके बाद मोहन ने थाने फर्क FIR दर्ज कराई. हालांकि तीनों ठग अब तक फरार हैं.

 

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