Dhanteras 2021: धनतेरस पर पढ़ें ऋग्वेद का प्राचीन 'धन प्राप्ति मंत्र', आर्थिक संकट से मिलेगा छुटकारा

Pallawi Kumari, Last updated: Thu, 28th Oct 2021, 9:52 AM IST
  • दिवाली के दो दिन पहले धनतेरस या धनत्रयोदशी मनाई जाती है. इस दिन धनवंतरि, माता लक्ष्मी, गणेश और कुबेर देव की पूजा की जाती है. इसलिए पूरे विधि विधान के साथ इस दिन पूजा पाठ करनी चाहिए. वहीं धनतेरस के दिन अगर धन प्राप्ति मंत्र का पाठ किया जाए तो हर तरह के आर्थिक संकट से छुटकारा मिलता है.
नतेरस पर पढ़ें ऋग्वेद का 'धन प्राप्ति मंत्र',.

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस या धनत्रयोदशी कहते हैं. धनतरेस दीपावली से दो दिन पहले मनाई जाती है. इस साल धनतेरस 2 नवंबर को है. मानय्ता है कि इस दिन घर पर कोई धातु खरीदकर लानी चाहिए. साथ ही इस दिन गणेश, लक्ष्मी, कुबेर और धनवंतरि की पूजा भी की जाती है. धनतेरस के दिन पूरे विधि विधान से खास पूजा की जाती है. कहा जाता है कि इस दिन पूजा के दौरान अगर ऋग्वेद का सबसे प्राचीन 'धन प्राप्ति मंत्र' पढ़ा जाए तो घोर आर्थिक संकट भी दूर हो जाते हैं.

ऋग्वेद धन प्राप्ति मंत्र- 

ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर।

भूरिरेदिन्द्र दित्ससि।

ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्।

आ नो भजस्व राधसि।।

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मंत्र का अर्थ- इस धन प्राप्ति मंत्र का भावार्थ है, हे लक्ष्मीपते! आप दानी हैं, साधारण दानदाता नहीं बहुत बड़े दानी हैं. आप्तजनों से सुना है कि संसार भर से निराश होकर जो याचक आपसे प्रार्थना करता है, उसकी पुकार सुनकर उसे आप आर्थिक कष्टों से मुक्त कर देते हैं, उसकी झोली भर देते हैं. हे भगवान, मुझे अर्थ संकट से मुक्त कर दो.

धनतेस के दिन आप पूजा के दौरान एक दीपक जलाएं, उसके बाद इस मंत्र को पढ़ें. इसके अलावा आप प्रतिदिन भी सुबह पूजा के दौरान के इस धन प्राप्ति मंत्र का पाठ करने से सालों से चल रहे घोर आर्थिक संकट से छुटकारा मिलता है.

धनतेरस पूजा मुहूर्त-

धनतेरस तिथि- मंगलवार, 2 नवंबर 2021

धन त्रयोदशी पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 5 बजकर 25 मिनट से शाम 6 बजे तक.

प्रदोष काल- शाम 05:39 से 20:14 बजे तक.

वृषभ काल- शाम 06:51 से 20:47 तक.

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