Ekadashi 2022: रंगभरी एकादशी पर बन रहा ये शुभ संयोग, जानें इस दिन आंवले की पूजा का महत्व

Pallawi Kumari, Published on: Mon, 7th Mar 2022, 5:42 PM IST
रंगभरी एकादशी (फोटो-सोशल मीडिया)

हिंदू कैंलेडर के अनुसार हर माह दो एकादशी तिथि पड़ती है. एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में. एकादशी का व्रत कठिन व्रतों में एक होता है और ये भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होती है. लेकिन फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की रंगभरी एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है. क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु के साथ साथ माता पार्वती-शिवजी और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है. इस बार रंगभरी एकादशी व्रत रविवार 13 मार्च 2022 को रखा जाएगा. 

पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसी मान्यता है कि रंगभरी एकादशी के दिन ही भगवान शिवजी माता पार्वती कौ गौना के बाद पहली बार काशी लेकर आए थे. इसलिए इस दिन काशी में इस दिन शिव भक्त रंग अबीर के साथ इस त्योहार को धूम-धाम मनाते हैं. काशी में मां पावर्त का भव्य स्वागत भी किया जाता है. ये पर्व एकादशी से शुरू होकर होली के दिन तक चलता है.

Video-सांप और बिच्छू से बना ये सूप पीने के लिए लोगों में बढ़ा क्रेज, देखिए कैसे बनता है Detox ड्रिंक

आंवले के पेड़ की पूजा का महत्व- रंगभरी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ की भी पूजा की जाती है. इसलिए इसे आमलकी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन आवंले के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति को सुख-सौभाग्य और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.

रंगभरी एकादशी मुहूर्त

एकादशी आरंभ- रविवार 13 मार्च सुबह 10:21 मिनट से

एकादशी समाप्त- सोमवार 14 मार्च दोपहर 12:05 मिनट तक

पूजा का शुभ मुहूर्त- 13 मार्च दोपहर 12:07 मिनट से दोपहर 12:54 मिनट तक

सर्वार्थ सिद्धि योग- 13 मार्च को सुबह 06:32 मिनट से रात 10:08 मिनट तक

पुष्य नक्षत्र योग- 13 मार्च रात 10:08 मिनट तक.

Rahu Ketu Gochar: राहु-केतु के गोचर से इन 5 राशियों की बढ़ेगी मुश्किल, रहें सावधान

अन्य खबरें