कंपार्टमेंट परीक्षा में पास अब नामांकन के लिए भटक रहे 35000 स्टूडेंट्स

Smart News Team, Last updated: Fri, 8th Jan 2021, 11:21 PM IST
  • कोविड-19 के संक्रमणका प्रभाव कहें या झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से छात्रों के भविष्य के साथ मजाक, दोनों ही सूरत में झारखंड राज्य के आठवीं कक्षा के साथ ही हाई स्कूल कंपार्टमेंट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले राज्य के तकरीबन 35000 छात्रों का ही नुकसान हो रहा है. 
फाइल फोटो

रांची. राजधानी में 9वीं व 11वीं कक्षाओं में प्रवेश हेतु नामांकन करने के लिए स्टूडेंट्स भटक रहे हैं. झारखंड एकेडमिक काउंसिल के नियम इन छात्रों को मौजूदा शिक्षा सत्र से बाहर का रास्ता दिखा रहा है. बता दें कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने 9वीं व 11वीं की कक्षा में नामांकन कराने के लिए अंतिम तिथि 7 दिसंबर निर्धारित की थी जबकि झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से दसवीं कक्षा की कंपार्टमेंटल परीक्षा का परिणाम 29 दिसंबर को जारी किया गया. इस परीक्षा में कुल 30194 हाई स्कूल के छात्र शामिल हुए थे जिनमें 15722 छात्र कंपार्टमेंटल परीक्षा में उत्तीर्ण हुए. झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से कंपार्टमेंटल परीक्षा का परिणाम देर से जारी करने के चलते अब यह छात्र 11वीं में नामांकन कराने के लिए स्कूल व इंटर कॉलेज मैं चक्कर लगा रहे हैं.

वही स्कूल प्रशासन की ओर से उन्हें नामांकन की अंतिम तिथि समाप्त हो जाने की बात कहकर चलता किया जा रहा है. ठीक यही स्थिति झारखंड एकेडमिक काउंसिल के आठवीं बोर्ड की परीक्षा की है. जय कि कि इस परीक्षा में कुल 42324 विद्यार्थी शामिल हुए थे. इनमें 40813 विद्यार्थियों ने आठवीं की बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण की. इन छात्रों में से तकरीबन आधे से अधिक छात्र नौवीं की कक्षा में अपना नामांकन नहीं करा सके हैं. कारण वही है की स्कूलों द्वारा उन्हें नामांकन तिथि की समय सीमा गुजर जाने का हवाला दिया जा रहा है.

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इन विद्यार्थियों का कहना है कि स्कूल बंद हो जाने के कारण आठवीं के संशोधित रिजल्ट की जानकारी उन्हें समय पर नहीं मिल सकी इस कारण रजिस्ट्रेशन की तिथि रहते हुए भी वह अपना नामांकन नहीं करा सके हैं. इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के नामांकन ना हो पाने के कारण साल 2022 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में यह छात्र शामिल नहीं हो सकेंगे.मतलब चूक झारखंड एकेडमिक काउंसिल की है और परिणाम राज्य के तकरीबन 35000 छात्रों को अपनी पढ़ाई की 1 साल बर्बाद करके चुकाना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में इन छात्रों के अभिभावकों का कहना है कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल को छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए नामांकन की तिथि बढ़ाकर इनकी साल बर्बाद होने से बचाना चाहिए.

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