झारखंड के धनुर्धर अब आधुनिक रिकर्व धनुष से भेदेंगे अपना लक्ष्य

Smart News Team, Last updated: Sat, 9th Jan 2021, 12:11 AM IST
  • चाईबासा निवासी कोमालिका बारी, आश्रिता बिरुली और कृष्णा पिंगुआ तीरंदाज हैं. तीनों बेहद गरीब परिवार के बच्चे हैं. कोमालिका राज्य की उभरती हुई अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज है, जिसने स्वीडन में आयोजित वर्ल्ड यूथ आर्चरी चैंपियनशिप 2018 में स्वर्ण पदक प्राप्त कर देश का मान बढ़ाया.
आगामी ओलिंपिक के लिये भी कोमालिका का चयन हुआ है.

रांची- तीरंदाज कोमालिका, कृष्णा और आश्रिता खुश हैं. तीनों ने रिकर्व धनुष की बुकिंग करा ली है. जल्द ही चाईबासा के ये धनुर्धर रिकर्व धनुष से लक्ष्य पर निशाना साधते नजर आएंगे. कल तक रिकर्व धनुष हाथों में थामने का जो सपना था, वह हकीकत में बदलने वाला है. आर्थिक रूप से कमजोर इन बच्चों को अवसर मिलेगा, अपनी प्रतिभा को दिखाने एवं राज्य का मान बढ़ाने का. आश्रिता कहती हैं, इंडियन राउंड में जो धनुष बांस से बनी होती है, उसके जरिये सिर्फ भारत में ही आर्चरी का खेल खेला जा सकता था. लेकिन रिकर्व धनुष से अब विदेशों में भी जाकर खेलने का मौका मिलेगा. इस खुशी को बयां नहीं कर सकती. राज्य सरकार के इस प्रोत्साहन के लिये धन्यवाद. मैं अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर झारखण्ड को गर्वित करने का प्रयास करूंगी. कृष्णा को भी नये धनुष का इंतजार है. कृष्णा कहते हैं कि समय पर सरकार की मदद मिलने से ओलंपिक में भाग लेने का सपना पूरा होगा. अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकूंगा.

चाईबासा निवासी कोमालिका बारी, आश्रिता बिरुली और कृष्णा पिंगुआ तीरंदाज हैं. तीनों बेहद गरीब परिवार के बच्चे हैं. कोमालिका राज्य की उभरती हुई अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज है, जिसने स्वीडन में आयोजित वर्ल्ड यूथ आर्चरी चैंपियनशिप 2018 में स्वर्ण पदक प्राप्त कर देश का मान बढ़ाया. आगामी ओलिंपिक के लिये भी कोमालिका का चयन हुआ है और वह इन दिनों पुणे में ओलिंपिक कैंप में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है. आश्रिता ने 2019 में ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी आर्चरी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है. कृष्णा ने खेलो इंडिया आर्चरी चैंपियनशिप 2017 में रजत एवं 64वीं राष्ट्रीय विद्यालय तीरंदाजी प्रतियोगिता, 2019 में स्वर्ण पदक प्राप्त कर चुका है. लेकिन रिकर्व धनुष नहीं होने के कारण तीनों बेहतर ढंग से अभ्यास नहीं कर पा रहे थे.

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गरीबी की वजह से सभी तीरंदाज नया धनुष खरीद पाने में असमर्थ थे. लेकिन राज्य सरकार इनकी प्रतिभा से अवगत थी. इनकी प्रतिभा एवं राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्ति की संभावनाओं को देखा गया. फिर इन्हें प्रोत्साहित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा खिलाड़ी कल्याण कोष के तहत रिकर्व धनुष खरीदने के लिये कोमालिका को दो लाख 70 हजार एवं कृष्णा व आश्रिता को क्रमशः दो लाख 50 हजार की राशि प्रदान की गई.

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