रांची: दिन में ट्रांसपोर्ट गाड़ियों पर रोक के खिलाफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने दी आंदोलन की चेतावनी
- रांची शहर में छोटे मालवाहक गाड़ियों के रोक के खिलाफ झारखंड मोटर फेडरेशन और रांची गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (RGTA) के अधिकारियों ने शुक्रवार को बैठक कर बैन के इस फैसले को तुगलकी फरमान बताया है. अधिकारियों ने कहा कि अगर इसे वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन किया जाएगा.

रांची. झारखंड मोटर फेडरेशन और रांची गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (RGTA) के अधिकारियों ने शुक्रवार को शहर में 6 घंटे तक छोटे माल वाहनों के आवाजाही पर लगे प्रतिबंध के फैसले के खिलाफ बैठक की. इस दौरान विभाग के पदाधिकारियों ने कहा कि ये तुगलकी फरमान है, अगर इसे वापस नहीं लिया गया तो चक्का जाम और हड़ताल करेंगे. इस दौरान पदाधिकारियों ने कहा कि अगले 2 दिन तक सभी पदाधिकारी इस मामले पर चर्चा करेंगे. अगर फिर भी बात ना बनी तो सोमवार को एक बड़े बैठक में आंदोलन पर फैसला किया जाएगा.
गौरतलब है कि शहर में पहले से ही सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक भारी कॉमर्शियल वाहनों की आवाजाही बंद है. अब नए नियम के तहत हल्के भार वाले वाहनों की आवाजाही भी बंद हो गई है. बैठक को संबोधित करते हुए ललित ओझा ने कहा कि कोविड के दौरान बिजनेस काफी बुरी स्थिति में चल रही है. ऐसे में नए ट्रांसपोर्ट नियमों के तहत बिजनेस करना काफी मुश्किल होगा. ये व्यवस्था मजदूर वर्ग, और माल ढ़ोने वाले ऑटो चालकों को बर्बाद कर देगी. अब मजदूर दिन में बेरोजगार रहेगा और परिवार के भरण पोषण के लिए देर रात तक काम करना पड़ेगा. नए नियम के तहत अब मजदूर दिन भर में मात्र 4 घंटे ही काम कर पाएगा. 4 घंटे काम कर के कोई भी ऑटो चालक किस्त भरते हुए अपने परिवार का भरण पोषण नहीं कर पाएगा. उन्होंने आगे कहा कि जिला प्रशासन और सरकार को नए नियम लागू करने से पहले ये विचार जरूर करना चाहिए था.
इस बैठक में रांची ट्रांसपोर्ट एंड गुड्स एसोसिएशन (RTGA) के अध्यक्ष ने कहा कि व्यवसायी वर्ग को नजरअंदाज करने के कारण कई बड़ी कंपनियां अपना डिपो राज्य से बाहर लगा रही हैं. राज्य सरकार को सर्वे करवाना चाहिए कि राज्य सभी कंपनी के डिपो बाहर क्यों जा रहे हैं. अगर सरकार ध्यान नहीं देगी तो राज्य में बेरोजगारी के हालात बन जाएंगे. बैठक में एफजेसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष पवन शर्मा समेत झारखंड प्रगतिशील मजदूर यूनियन के महामंत्री विक्रम सिंह, सचिव नीरज ग्रोवर, उपाध्यक्ष रविन्द्र दुबे, पूर्व अध्यक्ष सुनील सिंह चौहान, ऋषिदेव यादव, दीपक सिंह, और रंजीत तिवारी शामिल थे.
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