झारखंड में हैं अपार संभावनाएं, उद्योगपति करें बढ़चढ़ कर निवेश: CM हेमंत सोरेन

Smart News Team, Last updated: Sat, 6th Mar 2021, 10:11 PM IST
  • मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में औद्योगिक निवेश और संवर्धन नीति की एक बैठक में राज्य में निवेश को और अधिक मजबूत बनाने के लिए और परियोजनाओं में निवेश करने उनसे समृद्ध लाभ हासिल करने का आग्रह किया.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (फाइल तस्वीर)

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में अपार संभावनाएं होने के साथ साथ उन्होंने राज्य को एक सबसे आकर्षक निवेश स्थलों में से भी एक बताया. उन्होंने उद्योपतियों को आगे आकर राज्य में एक लाख करोड़ रुपये की प्रस्तावित हुई परियोजनाओं में निवेश करने उनसे समृद्ध लाभ हासिल करने का आग्रह भी किया. उन्होंने आगे कहा कि झारखंड सरकार शीशे को हीरे के तौर पर बेचने में विश्वास नहीं करती है. वहीं टाटा समूह का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पूरा देश टाटा को जानता है. यही वह क्षेत्र है जहां से उन्होंने शुरुआत की थी.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में औद्योगिक निवेश और संवर्धन नीति की एक बैठक में राज्य में निवेश को और अधिक मजबूत बनाने के लिए कहा कि यदि आप कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक वाहन, फार्मास्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं, तो झारखंड आपको कुछ बेहतरीन अवसर प्रदान करने का वादा करता है. ये बातें उन्होंने की एक बैठक में कहीं.

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सोरेन ने कहा, 'झारखंड में सभी क्षेत्रों में बड़ी संभावनाएं हैं, फिर वे खानें या खनिज हों या वन उपज, वस्त्र या सब्जियां. पूरा देश टाटा को जानता है. यही वह क्षेत्र है जहां से उन्होंने शुरुआत की थी. यह वह स्थान है जहां एचईसी, स्टील, कोयला, बिजली और उर्वरक और अन्य संयंत्रों जैसे विशाल प्रतिष्ठान हैं. दुर्भाग्य से सीएम के तौर पर कार्यभार संभालने के तुरंत बाद पूरे देश ने कोरोना महामारी का सामना किया. अब ये सरकार का विजन है कि वह अब विकास की प्रगति पर आगे बढ़े.'

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झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा, खनिज संपन्न राज्य होने के अलावा, झारखंड टमाटर उत्पादन में देश में दूसरे, मटर और फलियों में पांचवां, गोभी, भिंडी और फूलगोभी में छठे स्थान पर है. यहां 33 प्रतिशत वन आवरण के साथ 175 से अधिक लघु वन उपज हैं. झारखंड में निवेश के फायदे गिनाते हुए झारखंड के मुख्य सचिव, सुखदेव सिंह ने कहा कि सरकार का मकसद शीशे को हीरे और चांदी को सोने के तौर पर बेचना नहीं है. यह निवेशकों के ऊपर है कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं.

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