झारखंड में 1 मई से 18+ वालों को वैक्सीन नहीं, कंपनियों का टीका देने से इंकार

Smart News Team, Last updated: Thu, 29th Apr 2021, 2:42 PM IST
  • झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों ने 15 मई से पहले टीका देने से मना कर दिया है. राज्य सरकार ने भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट को 25-25 लाख वैक्सीन का ऑर्डर दिया है.
झारखंड में नहीं लगेगी 1 मई से 18 से 44 साल वालों को वैक्सीन

रांची. झारखंड में 1 मई से 18 साल से 44 साल वालों को कोरोना वैक्सीन लग पाएगी. केंद्र सरकार के फैसले के बाद भी इस अभियान को शुरू नहीं हो पाएगा. राज्य सरकार के पास इतने टीके नहीं है कि वह वैक्सीनेशन कर पाए. वैसे तो सोरेन सरकार ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को 50 लाख टीकों का ऑर्डर दिया है लेकिन वैक्सीन निर्माताओं ने ऑर्डर पूरा करने में असमर्थ होने पर हाथ खड़े कर दिए हैं. 

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने गुरुवार को प्रेम कांफ्रेंस में जानकारी दी कि केंद्र सरकार के फैसले के अनुसार 1 मई से टीका नहीं लगाया जा पाएगा. उनका ऑर्डर पूरा करने में 15 से 20 मई तक का समय लग जाएगा. झारखंड को एक मई तक कंपनियों से वैक्सीन नहीं मिल पाएगी. 

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि झारखंड के पास 5.5 लाख वैक्सीन हैं ये राज्य के लोगों को सेकेंड डोज देने के लिए हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि केंद्र का निर्देश है कि राज्य सरकारें अपने कोटे की वैक्सीन को 18 से 44 साल के लोगों को लगाने में इस्तेमाल नहीं करेगी. राज्यों के 18 से 44 साल के वर्ग के लिए खुद वैक्सीन खरीदनी होगी. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि झारखंड ने जो ऑर्डर दिया है उसमें करीब 200 करोड़ रुपए का खर्च होने का अनुमान है.  

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झारखंड हेल्थ मिनिस्टर ने साथ ही कहा कि केंद्र सरकार हमारे साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. वहीं हमारी सरकार जिओ और जीने दो की नीति पर काम कर रही है. झारखंड में 5 हजार टन ऑक्सीजन का रिजर्व है और 18 रिफिलिंग के प्लांट हैं. यही कारण है कि हम भाजपा शासित राज्यों में भी ऑक्सीजन भेज रहे हैं. अभी यूपी में 90 टन, हरियाणा में 80 टन और बिहार में 12 टन ऑक्सीजन भेजी जा रही है.  

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वहीं केंद्र गुजरात में जरूरत से ज्यादा रेमडेसिविर और अन्य दवाइयां भेज रही है लेकिन झारखंड को जरूरत 4 हजार रोजाना की है तो 9 दिन में सिर्फ 20 हजार इंजेक्शन दिए जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि झारखंड ने 2 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन असम सरकार से उधार लिए हैं. 

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