झारखंड में बिजली उपभोक्ताओं को लग सकता झटका, अगले साल से इतने फीसदी होगी मंहगी

Shubham Bajpai, Last updated: Wed, 8th Dec 2021, 10:46 AM IST
  • झारखंड में बिजली उपभोक्ताओं पर अगले साल बढ़े बिजली बिल का बोझ बढ़ सकता है. जेबीवीएनएल अगले साल बिजली के बिल में रिकॉर्ड 30 फीसदी तक की वृद्धि कर सकता है. यदि बिजली के बिल में बढ़ोत्तरी होती है तो इसका सीधा असर 40 लाख से अधिक उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा.
झारखंड में बिजली उपभोक्ताओं को लग सकता झटका, अगले साल से इतने फीसदी होगी मंहगी

रांची. नए साल के साथ ही झारखंड वासियों पर महंगे बिजली बिल का भार पड़ सकता है. प्रदेश में झारखंड बिजली विरतण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने वित्तीय वर्ष 2022-23 से बिजली की दर में 30 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी के लिए झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसईआरसी) को प्रस्ताव भेजा है. जैसे ही आयोग प्रस्ताव को पास कर देता है तो घरेलू समेत सभी वर्गों में बिजली बिल में बढ़ोत्तरी होगी.

दो साल बाद बढ़ेगा बिजली की दर

प्रदेश में पिछले दो सालों से बिजली के बिल में बढ़ोत्तरी नहीं की गई. यदि इस बार आयोग इस प्रस्ताव को मंजूरी दे देता है तो प्रदेश की जनता को बिजली के बढ़ी हुए दरों का बोझ झेलना पडे़गा.

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आयोग में अध्यक्ष की नियुक्ति होते ही हो सकती दामों पर बढ़ोत्तरी

जानकारी अनुसार, प्रदेश में जेएसईआरसी आयोग में अध्यक्ष व दो रिक्त सदस्यों होने के कारण पिछले वित्तीय वर्ष भी बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी नहीं हो सकी है. अब अगले महीने तक आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति के बाद जेबीवीएनएल के उपभोक्ताओं को बिजली की बढ़ी कीमत देनी पड़ेगी. प्रदेश में विद्युत कंपनियां किस दर पर ग्राहकों को बिली बेचेंगी ये तय आयोग ही करता है लेकिन आयोग के अध्यक्ष फरवरी में केंद्रीय नियामक आयोग के विधि सदस्य बनाए जाने के बाद दिल्ली चले गए थे. जिसके बाद से ये पद खाली है.

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घरेलू पर काम वाणिज्यिक उपभोक्ताओं पर ज्यादा पड़ेगा भार

जेबीवीएनएल के अधिकारियों के अनुसार, बढ़ी बिजली दामों का असर घरेलू उपभोक्ताओं पर कम वाणिज्यिक उपभोक्ताओं पर अधिकर भार पड़ेगा. अभी ग्रामीण घरेलू में प्रति यूनिट बिजली 5.75 रुपये, शहरी घरेलू में 6.25 रुपये, घरेलू एचटी अपार्टमेंट को 6 रुपये, ग्रामीण वाणिज्यिक को 5.75 रुपये, शहरी वाणिज्यिक को 6 रुपये, कृषि व सिंचाई को 5 रुपये, एलटी इंडस्ट्री को 5.75 रुपये, स्ट्रीट लाइट सर्विस को 6.25 रुपये, एचटी सप्लाई को 5.50 रुपये और एचटी संस्थागत रेलवे को 5.25 रुपये यूनिट बिजली दी जा रही है. इनके रेट में बढ़ोत्तरी होगी. हालांकि इनमें सरकार घरेलू उपभोक्ताओं पर बिजली की बढ़ी हुई दर को देखते हुए सब्सिडी देती है. प्रति यूनिट सब्सिडी का निर्धारण नई बिजली दर के निर्धारण के बाद किया जाता है.

 

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