पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा ममता सरकार पर भड़के, कहा अपना हक छीनने का समय

Smart News Team, Last updated: Sat, 6th Feb 2021, 1:19 PM IST
  • अर्जुन मुंडा ने कहा कि वह जब झारखंड के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने झारखंड में बंग्ला भाषा को द्वितीय भाषा का स्थान दिया था. बंगाल में मुंडा समुदाय की भाषा को द्वितीय भाषा का दर्जा देने के लिए पत्र लिखा गया था, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके पत्र का ना तो सम्मान किया और ना ही जवाब दिया.
झारखंड के पूर्व सीएम, अर्जुन मुंडा (फाइल तस्वीर)

रांची : पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर राज्‍य के पूर्व मुख्यमंत्री मंत्री अर्जुन मुंडा ने आदिवासियों का विकास बाधित करने के आरोप लगाये हैं. उन्‍होंने कहा कि टीएमसी सरकार आदिवासियों का विकास नहीं चाहती है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अब अपना हक छीनकर लेने का समय आ गया है. बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार आदिवासियों का विकास करना ही नहीं चाहती. केंद्र सरकार कई योजनाओं को आदिवासियों तक पहुंचाना चाहती है, लेकिन राज्य सरकार किसी भी योजना को लागू करना ही नहीं चाहती. केंद्र सरकार किसी योजना को राज्य सरकार के जरिए ही लागू करने और उसे पहुंचाने के लिए बाध्य है.

मुंडा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस केंद्र सरकार के खिलाफ भड़काकर बंगाल में आदिवासियों का उपयोग केवल वोट बैंक के रूप में करती है. अर्जुन मुंडा ने कहा कि वह जब झारखंड के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने झारखंड में बंग्ला भाषा को द्वितीय भाषा का स्थान दिया था. बंगाल में मुंडा समुदाय की भाषा को द्वितीय भाषा का दर्जा देने के लिए पत्र लिखा गया था, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके पत्र का ना तो सम्मान किया और ना ही जवाब दिया.

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मुंडा ने कहा कि अब आदिवासी भी शिक्षित हो गये हैं. कम्प्यूटर और मोबाइल फोन चला रहे हैं. एक क्लिक से सरकारी योजनाओं के बारे में सभी जानकारी हासिल कर लेते हैं. केंद्र सरकार आदिवासियों की उन्नति और उन्नयन को लेकर योजना लागू करती रहती है, लेकिन बंगाल में उन्हें कोई विशेष लाभ नहीं मिल रहा है. श्री मुंडा ने जनसभा में शामिल आदिवासियों से कहा कि अब अपना हक मांगने का नहीं, छीनने का समय आ गया है.

 

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