अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति को लीक से हटकर कर्ज दे बैंक- हेमंत सोरेन

Anurag Gupta1, Last updated: Tue, 14th Dec 2021, 12:56 PM IST
  • हेमंत सोरेन ने कहा आदिवासियों लीक से हटकर बैंक लोन दे. अविभाजित बिहार के समय से आ रही कर्ज की समस्या. बैंकों को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए जिससे आदिवासियों को शिक्षा, चिकित्सा, घर और व्यवसाय के लिए लोन मिल सके.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)

रांची. झारखंड की सोरेन सरकार ने कहा कि अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों को अविभाजित बिहार के समय से पेश आ रही कर्ज की समस्या का समाधान बैंक प्रबंधन लीक से हटकर निकाल सकता है. भूमि को नहीं बल्कि भूमि पर जिस चल-अचल संपत्ति का निर्माण हो, उसे कोलेट्रल के रूप में रखने पर बैंक विचार करें तो समस्या का समाधान निकल सकता है.

मुख्यमंत्री सोरेन आदिवासियों को बैंकों द्वारा ऋण उपलब्ध कराने के संबंध में सोमवार को आयोजित बैठक में अध्यक्षता कर रहे थे उसी दौरान सोरेन ने सारी बातें कहीं. इसके अलावा कहा कि बैंकों को अतिरिक्त कोलेट्रोल फ्री कर्ज की सीमाओं को बढ़ाने की जरूरत है, ताकि आदिवासियों को आसानी से शिक्षा, आवास, व्यवसाय एवं उद्योग के लिए लोन मिल सके. बाकी अन्य समस्या को लेकर भी चर्चा की.

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मुख्यमंत्री ने कहा अगर बैंक आदिवासी समुदाय के लोगों की भूमि छीन लेगी तो उनका अस्तित्व छीन जाएगा. इसे सुरक्षित रखते हुए हमें कार्य करना है. सरकार बैंक प्रबंधन को पूर्ण सहयोग देगी. हमें समन्वय से काम की जरूरत है ताकि आदिवासियों का विकास सुनिश्चित हो सके.

आदिवासियों के उत्थान के लिए जरूरी:

मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि आदिवासियों की जमीन बचाते हुए हमें लोन का हल निकालना है. ऐसी व्यावस्था करने से आदिवासियों का उत्थान होगा. साथ ही कहा कि हमें ऐसी व्यावस्था करनी है जिससे आदिवासी समुदाय आगे बढ़ सके. इस कार्य को करने के लिए बैंकिंग व्यवस्था या बैंक से जोड़ना जरूरी है. सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को अविभाजित बिहार के समय से रही है समस्या को दूर करने का हर संभव प्रयास कर रही है. बैंकों ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए जिससे आदिवासियो को आसानी से शिक्षा, आवास, व्यवसाय के लिए लोन मिल सकें.

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