बाल पत्रकार कार्यक्रम में CM सोरेन ने दिया शिक्षा पर जोर, बाटें 680 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र
- सोरेन सरकार महामारी के दौरान बाधित हुई शिक्षा की भरपाई कैसे हो इसके लिए काम कर रही है. बाल दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में बाल पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कही ये बात. कार्यक्रम में कहा कि अंधविश्वास का इलाज शिक्षा ही है.
रांची. सोरेन सरकार ने महामारी के चलते बाधित हुई शिक्षा पर काम करने जा रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य सरकार बच्चों की समस्याओं और चिंताओं पर नजर रखी हुई है. विशेषकर झारखंड के बच्चों की महामारी के दौरान बधित हुई शिक्षा की. उसकी भरपाई कैसे हो, इसके लिए राज्य सरकार काम कर रही है. राज्य सरकार स्कूलों में सभी बच्चों को सुरक्षित एवं सकारात्मक वातावरण में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी उपाय कर रही है.
मुख्यमंत्री अपने कांके रोड स्थित आवासीय कार्यालय में यूनिसेफ और नव भारत जागृति केंद्र रांची के संयुक्त प्रयास से बाल दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित बाल पत्रकार कार्यक्रम में बोले राज्य सरकार चरणबद्ध तरीके से विद्यालयों में पठन-पाठन प्रारंभ करने का प्रयास कर रही है. यूनिसेफ के बाल पत्रकारों से मुलाकात कर उनके साथ बाल अधिकारों एवं बच्चों के मुद्दों को लेकर बातचीत की.
बोस की गिरफ्तारी पर झारखंड में बवाल, बम से उड़ाया रेलवे ट्रैक, ट्रेन संचालन ठप
680 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिला:
सीएम सोरेन ने कहा कि बाल पत्रकार शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण एवं बाल अधिकारों के संबंध में सकारात्मक संदेश का प्रचार-प्रसार कर समाज में एक उदाहरण स्थापित कर रहे हैं. साथ ही भरोसा दिलाया कि निकट भविष्य प्राथमिक विद्यालय भी फिर से शुरू होंगे. स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए शिक्षक एवं छात्र अनुपात के बीच के अंतराल को भरने की लगातार कोशिश की जा रही है. राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर 680 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया है. उन्होंने कहा कि झारखंड प्रदेश में सभी बच्चों को समान अवसर मिले और उनका विकास हो यह राज्य सरकार की प्राथमिकता है. महामारी के दिनों में बच्चों को घरों से ही ऑनलाइन क्लास करना पड़ा है. ऑनलाइन क्लास अच्छा भी है तो इसके नकारात्मक परिणाम भी हैं.
शिक्षा से ही मिट सकता है अंधविश्वास:
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि बाल विवाह, डायन-बिसाही, ओझा-गुणी सहित कई अंधविश्वासी परंपराएं अभी भी समाज में हैं. ऐसी अंधविश्वासी परंपराओं का इलाज सिर्फ शिक्षा ही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल पत्रकारों के अनुभव और बातों को ध्यान में रखते हुए जो कमियां होंगी उसे दूर करने का प्रयास राज्य सरकार हर संभव करेगी. मौके पर सभी बाल पत्रकारों ने स्वयं से तैयार किए ग्रीटिंग कार्ड्स मुख्यमंत्री को भेंट की. मुख्यमंत्री ने सभी बाल पत्रकारों को कलम भेंट कर सम्मानित किया.
बता दें कार्यक्रम में 10 बाल पत्रकारों ने हिस्सा लिया उन्होंने कोरोना के दौरान बच्चों में हुई समस्याओं और चुनौतियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया. खासकर महामारी के दौरान गरीब, जरूरतमंद बच्चों के पास स्मार्टफोन, पीसी आदि न होने के कारण उनकी शिक्षा किस तरह बाधित हुई है इसके बारे में बताया. बाल पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करते हुए सभी कक्षाओं के लिए स्कूलों को खोला जाए. जिससे गरीबी में किसी तरह अपनी शिक्षा पूरी कर रहे अभावग्रस्त छात्रों को कुछ आराम मिल सके. कार्यक्रम में कई बड़े नेता भी मौजूद रहे.
अन्य खबरें
पेट्रोल डीजल 21 नवम्बर रेटः रांची, धनबाद, जमशेदपुर, बोकारो में नहीं बढ़ी तेल की कीमत
मैच के बाद भारत-न्यूजीलैंड की टीम रांची से कोलकाता को रवाना, रविवार को आखिरी मुकाबला
3 कृषि कानूनों के वापस होने पर स्वरा भास्कर ने मनाया जश्न, सिर पर ग्लास रखकर किया डांस