झारखंड में मॉब लिंचिंग पर विधेयक पास, अब मिलेगी इतनी सजा, ये है प्रावधान
- झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार ने विधानसभा में ध्वनिमत से मॉब लिंचिंग के खिलाफ विधेयक पास करा दिया है. जल्द राज्यपाल के पास जाकर पास होने के बाद ये कानून बन जाएगा. अब मॉब लिंचिंग के मामले में दोषी होने वाले को उम्र कैद और 25 लाख तक जुर्माना देना पड़ सकता है.

रांची. प्रदेश में लगातार मॉब लिंचिंग के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने विधानसभा में भीड़ हिंसा व मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक 2021 ध्वनिमत से पास करा दिया गै. अब प्रदेश में मॉब लिंचिंग पर कड़ी सजा और जुर्माने का प्रावधान होगा. सदन में इसमें विपक्ष ने कई आपत्तियां की लेकिन उसे अस्वीकार करते हुए विधेयक पास कर लिया गया. जल्द ही राज्यपाल द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद ये कानून बन जाएगा. राजस्थान और पश्चिम बंगाल के बाद झारखंड तीसरा राज्य है जहां मॉब लिंचिंग को लेकर कानून बनाया गया है.
विधेयक पर विपक्ष के संशोधन खारिज
इस विधेयक को लेकर भाजपा के अमित मंडल और रामचंद्र चंद्रवंशी ने संशोधन प्रस्ताव पेश किया. जिस पर करीब 40 मिनट चर्चा की गई, लेकिन विपक्ष के संशोधन प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया.
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घटना के आधार पर उम्रकैद और 25 लाख तक जुर्माना
इस विधेयक में सजा का प्रावधान घटना के आधार पर किया गया. है. जिसमें भीड़ हिंसा में पीड़िता घायल होता है तो दोषी को 1 साल तक की सजा के साथ 1 से तीन लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है ये सजा 3 साल तक बढ़ाई जा सकती है. भीड़ हिंसा में गंभीर तौर पर घायल होने पर आरोपी को 10 साल से लेकर उम्रकैद तक सजा और तीन से पांच लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान है. यदि घटना में पीड़ित की मौत हो जाती है तो दोषी को आजीवन कारावास और 25 लाख रुपये तक जुर्माना देना होगा.
भाजपा ने तुष्टिकरण तो सीएम ने निर्भीक काम करने के लिए बताया जरूरी
भाजपा ने इस विधेयक के माध्यम से एक वर्ग विशेष को ध्यान में रखकर बनने का आरोप लगाते हुए इसे तुष्टिकरण की राजनीति करने का विधेयक कहा. उन्होंने कहा कि राजनीतिक फायदा के लिए यह बिल लाया गया है. वहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बिल को लेकर कहा कि अब राज्य के लोग निडर होकर काम कर सकेंगे. समय-समय पर कई घटनाएं घटती रहती हैं. इनमें कई असाधारण तरीके से सामने आ जाती है. राज्य में सभई लोग सौहार्द व खुशहाली से रहें यह हम सबका दायित्व बनता है.
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कांग्रेस ने जताई खुशी
इस बिल को लेकर कांग्रेस ने खुशी जताई और कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल जिसका नेतृत्व शमशेर आलम कर रहे थे. उन्होंने सीएम सोरेन से मिलकर इस विधेयक को लेकर आभार व्यक्त किया. इस दौरान कांग्रेस ने रघुवर दास के शासनकाल में मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर भाजपा पर हमला बोला और कहा इससे राज्य शर्मसार हुआ.
क्या है औ किसी दायरे में लिंचिंग
बता दें कि दो या उससे अधिक लोगों के समूह के द्वारा किसी व्यक्ति के साथ की गई घटना मॉब लिंचिंग होगी. किसी के व्यवसाय या कारोबार का बहिष्कार करना या उनकी आजीविका बाधित करना मॉब लिंचिंग के दायरे में आएगा. साथ ही सोशल मीडिया के लिए लिंच करने के लिए मॉब को उकसाना भी इसी दायरे पर आएगा.
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