चश्मदीद गवाह की हत्या के लिए रची गई जज उत्तम आनंद केस की तरह साजिश, हुआ पर्दाफाश

Deepakshi Sharma, Last updated: Sat, 2nd Oct 2021, 2:02 PM IST
  • रांची में एक चश्मदीद गवाह की हत्या के लिए बिल्कुल वैसे ही साजिश रची गई जैसे कि जज उत्तम आनंद मर्डर केस में रची गई थी. इस बात का खुलासा पुलिस ने किया. इस काम को अंजाम देने के लिए 5 लाख की सुपारी तक दी गई.
चश्मदीद गवाह की हत्या के लिए रची गई जज उत्तम आनंद केस की तरह साजिश 

रांची. रांची के मांडर थानाक्षेत्र में एक चश्मदीद गवाह को मारने के लिए बिल्कुल वैसे ही साजिश रची गई जैसे कि जज उत्तम आनंद मौत मामले में रची गई थी. पुलिस ने खुद इस बात का खुलासा शुक्रवार के दिन किया. इस वारदात को अंजाम देने के लिए 5 लाख रुपये की सुपारी तक दी गई थी. हत्या बिल्कुल एक हादसा लगे उसके लिए अपराधियों ने जज मौत मामले के पैटर्न पर घटना को अंजाम दिया.

दरअसल मांडर थानाक्षेत्र के मुड़मा में 27 सितंबर को रविन्द्रनंद तिवारी नाम के एक शख्स की पिकअप वैन की चेपट में आने से मौत हो गई. शुरुआती जांच में ये घटना सड़क हादसा ही लगी. लेकिन बाद में परिजनों ने इसे हत्या बताते हुए पुलिस से वापस जांच करने की गुजारिश की. पुलिस ने छानबीन की तो ये बात सामने आई कि रविंद्रनंद तिवारी की हत्या की गई है. ऐसा करने के लिए अपराधियों को 5 लाख रुपये की सुपारी दी गई.

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पुलिस जांच में ये चीज सामने आई कि जेल में बंद विशाल ने अपने भाई के जरिए रविन्द्रनंद तिवारी की हत्या के लिए 5 लाख की सुपारी अपराधियों को दी थी. ऐसा इसीलिए क्योंकि रविन्द्रनंद अपने भाई सुबोध तिवारी की मौत के मामले में चश्मदीद गवाह था. लेकिन कोर्ट में गवाह न देने के लिए उस पर दबाव तक बनाया जा रहा था. 28 सितंबर को गवाही होनी थी. लगातार दबाव पड़ने के बाद भी अलगे दिन रविंद्रनंद गवाही के लिए तैयार था.

जेल में बंद विशाह साहू ने अपने भाई विकास साहू और पिता विक्रम साहू के साथ मिलकर रविन्द्र की हत्या की साजिश रच डाली. हत्या के लिए जियाउल अंसारी, अल्ताफ, जिसान और आफताब खान नाम के अपराधियों को लगाया गया. रविन्द्र नंद की 10 दिन तक तो हत्या से पहले रेकी की थी. जब 27 सितंबर को रविन्द्र नंद को मुड़मा के पास बाइक से जाता देखा तो अपराधियों ने उसे बोलरो पिकअप से पीछे से टक्कर मार दी. इतना ही नहीं घसीटते हुए कुछ दूर तक वो उसे आगे भी ले गए. इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि इस घटना में अपराधियों ने जज हत्याकांड के पैटर्न का इस्तेमाल किया. ताकि पुलिस को ये घटना हादसा लगे न की हत्या. पुलिस फिलहाल मुख्य आरोपी की तलाश में जुटी हुई है. 2019 में जमीन विवाद को लेकर सुबोध तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसी मामले में रविन्द्र नंद चश्मदीद गवाह बने थे.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि धनबाद के जज उत्तम आनंद को मॉर्निंग वॉक के वक्त पीछे से ऑटो से टक्कर मारी गई थी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. इस मामले की जांच फिलहाल सीबीआई करने मे जुटी हुई है.

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