झारखंड:दो साल बाद पहली बार आज से खुलेंगे 5वीं तक के स्कूल, बच्चों को भेजी गाइडलाइन
- कोरोना महामारी काल के दो साल बाद पहली से पांचवीं तक के लिए स्कूल सोमवार से खुलने जा रहे है. वहीं दो महीना बाद छठी से आठवीं की कक्षाएं भी फिर से शुरु होंगी. राज्य के सरकारी स्कूलों मे कक्षाएं के संचालन को लेकर शिक्षकों और कर्मियों को भी उत्साह है. स्कूलों ने कक्षाएं के संचालन की तैयारी कर ली है. बच्चों को व्टहाट्एप ग्रुप के माध्यम से कोरोना गाइ़डलाइन भी भेज दिया गया है.

रांची. कोरोना महामारी काल के दो साल बाद पहली से पांचवीं तक के लिए स्कूल सोमवार से खुलने जा रहे है. वहीं दो महीना बाद छठी से आठवीं की कक्षाएं भी फिर से शुरु होंगी. राज्य के सरकारी स्कूलों मे कक्षाएं के संचालन को लेकर शिक्षकों और कर्मियों को भी उत्साह है. स्कूलों ने कक्षाएं के संचालन की तैयारी कर ली है. बच्चों को व्टहाट्एप ग्रुप के माध्यम से कोरोना गाइ़डलाइन भी भेज दिया गया है. जिसके अनुसार बच्चों को तैयारी करके स्कूलों में बेंच- डेस्क की साफ- सफाई के साथ सेनेटाइजेशन आदि करा दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि कोरोना की तीसरी लहर के बाद तीन जनवरी से हाई- स्कूलों को भी बंद कर दिया गया था. लेकिन संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद बोर्ड की परीक्षाओं के मद्देनजर एक फरवरी से नौवीं से 12वीं तक के लिए स्कूल खोल दिए गए थे.शिक्षकों ने कहा कि दो साल बाद स्कूल खुल रहे हैं. इससे हम सब भी उत्साहित हैं. बच्चों की पढ़ाई का नुकशान काफी हो गया हैं. जिसकी भरपाई की कोशिश होगीं.
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अभिभावकों की सहमती अनिवार्य
सकूलों ने बच्चों कोे गाइडलाइन भेजते हुए कंसेंट लेटर भी भेजा है. इस कंसेट लेटर में बच्चों को अपने अभिभावकों से हस्ताक्षर कराकर लाना होगा. बिना अभिभावकों की अनुमती लेकर आनेवाले बच्चों को कक्षाएं में बैठने की अनुमती ऩहीं दी जाएगी. जिला स्कूल की प्राचार्या दीपा चौधरी ने बताया कि छठी से आठवीं में करीब 150 बच्चे नामांकित हैं, जिन्हें गाइडलाइन के बारे में जानकारी दे दी गई हैं.उनके लिए चार अतिरिक्त कक्षाओं की साफ- सफाई गई है ताकि सामाजिक दूरी के नियम के साथ बैठाया जा सके. वहीं कुछ स्कूलों ने छोटे बच्चों के साथ उनके अभिभावकों को बुलाया है ताकि ऑन स्पॉट उनसे कंसेंट लेटर लिया जा सके. श्री डोरंडा बालिका उच्च विधालय की प्राचार्या पूर्णिमा कुमारी ने कहा कि 15 फरवरी के बाद से ही तैयारी शुरू हो गई थी. बच्चों के आने का इंतजार खत्म हो जाएगा. स्कूल में थर्मल स्कैनिंग और हेंड सेनेटाइजेशन कराने के बाद ही बच्चों को प्रवेश मिलेगा.
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