झारखंड: शिक्षा मंत्री ने बुलाई बैठक, जानें राज्य में कब खुलेंगे स्कूल?

Somya Sri, Last updated: Sun, 30th Jan 2022, 11:17 AM IST
  • देशभर में कोरोना वायरस के केस बढ़ रहे हैं. लेकिन कई राज्यों में 1 फरवरी से कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर स्कूल खोले जाएंगे. झारखंड में भी फरवरी से स्कूल खोले जाने की उम्मीद है. इसी सिलसिले में शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने आपदा प्रबंधन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक बुलाई.
झारखंड में कब खुलेंगे स्कूल? (फाइल फोटो)

रांची: देशभर में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं. जिससे छात्र ऑनलाइन पढ़ाई करने को मजबूर है. लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि फरवरी महीने में कक्षा एक से बारहवीं तक के स्कूल झारखंड में खोल दिए जाएंगे. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने शनिवार को आपदा प्रबंधन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी. जिसमें शिक्षा सचिव राजेश कुमार शर्मा भी मौजूद थे. बैठक के बाद शिक्षा सचिव ने कहा कि कोरोना के मामलों में सुधार को देखते हुए स्कूलों को सामान्य स्थिति में लाना है. स्कूल के सारे क्लास यानी पहली से 12वीं को खोलने का प्रस्ताव देंगे. उन्होंने कहा कि यह भी प्रस्ताव दिया जाएगा कि स्कूल में चार घंटे की पढ़ाई की सीमा खत्म की जाए और स्कूल अपने तय समय पर चलें.

राजेश कुमार शर्मा, शिक्षा सचिव ने कहा, "पहली से 12वीं के बच्चों को स्कूलों में बुलाकर पढ़ाने का प्रस्ताव आपदा प्रबंधन विभाग को दिया जाएगा. चार घंटे समय की बाध्यता को खत्म कर स्कूलों के सामान्य रूप से संचालन की भी अनुमति मांगी जाएगी. आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में स्कूल खोलने पर अंतिम निर्णय होगा."

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स्कूल खोलने की उठ रही है मांग

बता दें कि हाल ही में झारखंड में कोरोना के कारण बंद पड़े स्कूलों को खोलने की मांग को लेकर स्कूली बच्चे, शिक्षक और अभिभावकों ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को पोस्ट कार्ड लिखा था. गिरिडीह जिले से करीब सात हजार छात्र, अभिभावक व शिक्षकों ने पोस्ट कार्ड के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विद्यालय खोलने की मांग की थी.

बता दें कि पिछले करीब दो वर्षों से कोरोना काल के दौरान बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है. कोरोना वायरस के भीषण केस सामने आने के बाद सभी स्कूल बंद कर दिए गए थे. लेकिन सभी विद्यालयों में ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई शुरू कर दी गई थी. लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई से कई बच्चे प्रभावित हुए. सही इंटरनेट की व्यवस्था और आर्थिक हालात ठीक नहीं रहने के कारण कई बच्चों की पढ़ाई बीच में ही रुक गई. साथ ही छोटे बच्चों को स्कूल गये लगभग दो साल होने को हैं. इसलिए अब ये चाहते हैं कि विद्यालय खोल दिए जाएं.

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