झारखंड वित्तमंत्री उरांव ने पेश किया बजट, किसान और मजदूरों पर रहा सरकार का फोकस
- झारखंड वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने 3 मार्च 2021 को बजट पेश किया गया. सत्र 2021-22 के लिए 91270 करोड़ रुपए का बजट घोषित किया है. यह बजट विशेषकर मजदूरों और किसानों पर केंद्रित था.

रांची. झारखंड बजट बुधवार को पेश किया गया. वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने 1 घंटा 15 मिनट के भाषण में राज्य के 91270 करोड़ रुपए का बजट दिया. हेमंत सोरेन सरकार ने इस बजट में ना तो कोई नया टैक्स लगाया और ना ही किसी पुराने कर में वृद्धि की. सोरेन सरकार का यह बजट विशेषकर मजदूरों और किसानों पर केंद्रित था.
झारखंड बजट में मजदूरों की प्रतिदिन 31 रुपए की मजदूरी को बढ़ाया है. वहीं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए 18653 करोड़ रुपए का प्रावधान दिया है जो पिछले साल से 11 प्रतिशत ज्यादा है.
झारखंड सरकार किसानों के लिए कृषि माफी योजना लेकर आई है. इस योजना की शुरूआत एक फरवरी 2021 को जमताड़ा से कर दी गई है. पिछले साल कृषि के लिए 1200 करोड़ प्रस्तावित थे. सामेतिक कृषि बिरसा ग्राम योजना में हर जिले में बिरसा किसान सर्विस सेंटर की स्थापना करने करने के लिए बजट पास किया गया है. किसानों को बाजार उपलब्ध कराए जाएंगे जिसके लिए 61 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है.
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राज्य के हर प्रखंड में सोलर से चलने वाले डीप बोरिंग करके सिंचाई करने की परियोजना को पास किया गया है जिसके लिए 2145.86 करोड़ का बजट रखा गया है. सरकारी क्षेत्र में उद्यानिकी खेती शहरी इलाके में खाली जमीन पर गृह वाटिका विकसित करने का प्लान पास किया गया है. इस वाटिका में फल और सब्जियां उगाई जाएंगी. इसी के साथ इन वाटिकाओं के कारण प्रदूषण में भी कमी होगी. प्रधानमंत्री बीमा योजना की जगह एक नई फसल राहत योजना भी शुरू करने के लिए बजट प्रस्तावित है.
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213 आहर, तालाब की मरम्मति और सिंचाई योजनाओं को प्रस्तावित किया जाएगा. बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर आवास योजना के तहत 32,244 में 20 हजार आवास पूरे कर लिए गए हैं. 3 हजार आवास नए आवास बनाए जाएंगे. 2.43 लाख नए आवास बनाए जाएंगे. पिछली सरकार में केवल मुखिया को राशि मिलती थी. इस साल सभी को राशि दी जाएगी. 60 साल से ज्यादा उम्र वाले गरीबों का पेंशन कार्ड बनाया जाएगा. यूनीवर्सल पेंशन स्कीम योजना शुरू होगी, इसमें वृद्ध, विधवा, दिव्यांग लाभान्वित होंगे. सरकार मछुआरों को नाव के लिए अनुदान देगी.
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बता दें कि कोरोना संकट की वजह से इस वित्तीय वर्ष में जीडीपी में 6.9 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है. अगले वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी पर आने का अनुमान लगाया गया है. 9.5 प्रतिशत की विकास दर अनुमानित की गई है. इस वित्तीय वर्ष में राजकोषीय घाटा 10210.87 करोड़ रुपये होने का सरकार ने अनुमान लगाया है यह वित्तीय वर्ष की अनुमानित जीएसडीपी का 2.83 फीसदी होगा.
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