झारखंड बिजली खरीद के त्रिपक्षीय करार से हुआ अलग, एग्रीमेंट एकतरफा बताया
- हेमंत सोरेन सरकार ने कैबिनेट में बुधवार को दो फैसले लिए है. पहला बिजली खरीद के लिए हुए त्रिपक्षीय करार( ऊर्जा मंत्रालय और आरबीआई) से खुद को अलग करना और दूसरा झारखंड कंबाइंड एग्जामिनेशन रूलस 2021 को मंजूरी दी. झारखंड सरकार ने एग्रीमेंट को कैबिनेट में एकतरफा पाया है.

रांची. झारंखड की हेमंत सोरेन सरकार ने कैबिनेट में बुधवार को दो फैसले लिए है. पहला बिजली खरीद के लिए हुए त्रिपक्षीय करार (ऊर्जा मंत्रालय और आरबीआई ) से खुद को अलग करना और दूसरा झारखंड कंबाइंड एग्जामिनेशन(जेपीएससी) रूलस 2021 को मंजूरी देना.
इसकी जानकारी देते हुए ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार ने कहा कि ऊर्जा मंत्रालय, रिजर्व बैंक और राज्य सरकार के बीच केंद्रीय बिजली उत्पादन कंपनियों के बकाया भुगतान को लेकर हुए एग्रीमेंट से झारखंड ने अलग होने का फैसला किया है. राज्य के एससी-एसटी, महिलाओं और 15 वें वित्त आयोग और संविधान के तहत मिलने वाले पैसों से बिजली कंपनियों को बचे हुए पैसे देने में कटौती की गई है. हेमंत सोरेन सरकार ने एग्रीमेंट एकतरफा पाया है.
साल 2016 में यह समझौता हुआ था. इसके तहत ही मोदी सरकार ने झारखंड को डीवीसी से खरीदी गई बिजली का 5608.32 करोड़ का बकाया देने के लिए 11 सिंतबर को नोटि भेजा था और पैसे चुकाने के लिए 15 दिन का समय दिया था. पैसे न देने पर ऊर्जा मंत्रालय ने राज्य के आरबीआई खाते से बकाया की पहली किस्त 1417.50 करोड़ रुपये अक्टूबर में काट ली थी.
दूसरे फैसले जेपीएससी रूलस 2021 की बात करे तो इसमें अब तय नियम के अनुसार परिक्षा होगी. कैलेंडर जारी होंगे और नियुक्तियां होगी. कैबिनेट सचिव सेक्रेटरी अजय कुमार ने बताया कि अब तक 1951 के नियमों के तहत जेपीएससी के पेपर होते थे.
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