गैर कानूनी तरीके से आदिवासी जमीन पर कब्जा है तो खैर नहीं, सोरेन सरकार कराएगी जांच

Somya Sri, Last updated: Thu, 9th Sep 2021, 8:56 AM IST
  • हेमंत सोरेन सरकार गैरकानूनी तरीके से आदिवासी जमीन के हस्तांतरण की जांच कराएगी. अब विधानसभा की विशेष जांच कमेटी को राज्यभर में ऐसी जमीन की जांच करेगी. विधानसभा की विशेष जांच कमेटी ऐसी जमीन को चिन्हित कर उसकी रिपोर्ट तैयार करेगी.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)

रांची: झारखंड में गैरकानूनी तरीके से आदिवासी जमीन हड़पने वाले लोगों की खैर नहीं. हेमंत सोरेन सरकार गैरकानूनी तरीके से आदिवासी जमीन के हस्तांतरण की जांच कराएगी. अब विधानसभा की विशेष जांच कमेटी को राज्यभर में ऐसी जमीन की जांच करेगी. विधानसभा की विशेष जांच कमेटी ऐसी जमीन को चिन्हित कर उसकी रिपोर्ट तैयार करेगी.

दरअसल बुधवार को झारखंड विधानसभा में सत्ता पक्ष के विधायक लोबिन हेंब्रम ने आदिवासी जमीन को लेकर एक सवाल किया था. जिसके जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी जमीन का हस्तांतरण अगर गैर कानूनी तरीके से हुआ है, तो सरकार उन सभी जमीनों की जांच कराएगी.

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हेमंत सोरेन ने कहा कि, "आदिवासी जमीन का हस्तांतरण हुआ है़ जमीन हस्तांतरण का प्रावधान है़, लेकिन यह गलत तरीके से हुआ़ आदिवासी जमीन पर कब्जा किया गया है़. गैरकानूनी तरीके से आदिवासी जमीन पर घर बना लिये गये हैं. गलत दस्तावेज के सहारे जमीन ली गयी है." मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि सरकार गंभीर है और इसकी सही तरीके से जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि विधानसभा की कमेटी इसकी जांच करेगी.

मालूम हो कि विधायक लोबिन हेंब्रम ने सदन में अल्पसूचित के तहत पूछा था कि आजादी के बाद से सीएनटी-एसपीटी एक्ट के रहते जमीन हस्तांतरित की गयी. हेंब्रम ने कहा था कि आदिवासी-मूलवासी को बचाने के लिए राज्य बना था़, लेकिन ये लोग उजड़ रहे हैं. आदिवासी-मूलवासी खोजने पर भी नहीं मिलेंगे. वहीं विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा था कि व्यापक प्रश्न है सभी डीसी से रिपोर्ट मांगी जाये कि कितनी जमीन हस्तांतरित हुई और इसकी समीक्षा हो जाये़. वहीं विधायक प्रदीप यादव ने कहा था कि कड़े कानून के रहते हुए यह सब कुछ हो रहा है यह महत्वपूर्ण सवाल है.

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