झारखंड हाईकोर्ट का फैसला- अदालत में किसी भी धर्म का मामला आए तो हो सुनवाई
- झारखंड हाईकोर्ट ने अदालत में किसी भी धर्म का मामला आने पर सुनवाई का महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. साथ ही कहा कि फैमिली कोर्ट कस्टमरी लॉ यानि सामुदायिक कानून के आधार पर तलाक के मामले सुनने से इनकार नहीं कर सकता है.
रांची. झारखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि कोर्ट में किसी भी धर्म, सम्प्रदाय का मामला आता है तो उसपर भी निष्पक्ष सुनवाई होनी चाहिए. दरअसल झारखंड हाईकोर्ट एक तलाक के मामले पर सुनवाई कर रहे थे. जिसमे यह आवेदन किया गया था कि एक याचिकाकर्ता ने अपने तलाक के लिए फैमली कोर्ट में याचिका दायर किया था. वही फैमली कोर्ट ने उस याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि इसे वह कस्टमरी लॉ के तहत मामले को निपटा ले.
झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि फैमली कोर्ट कस्टमरी लॉ यानी सामुदायिक कानून के आधार पर तलाक के मामले को सुनवाई से इनकार नहीं कर सकता है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि अदालत के सामने किसी भी धर्म, सम्प्रदाय का मामला आए तो उसपर निष्पक्ष सुनवाई करनी चाहिए. उच्च न्यायालय ने ये सभी बाते कहने के बाद फैमिली कोर्ट की याचिका खारिज करने के आदेश को निरस्त करते हुए फिर से सुनवाई करने का आदेश दिया है.
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जानकारी के अनुसार फैमिली कोर्ट में एक उरांव जनजाति की एक महिला ने तलाक की याचिका दायर किया था. वही फैमिली कोर्ट ने इस याचिका को खरिज कर दिया था. साथ ही कहा था कि वह इस मामले को कस्टमरी लॉ के तहत निपटा ले. जिसके बाद यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया.
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