रांची: रेमडेसीविर कालाबाजारी मामले में कोर्ट सख्त, मांगी SIT की फाइल

Smart News Team, Last updated: Thu, 8th Jul 2021, 4:06 PM IST
रेमदेसीविर कालाबाजारी मामले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस सुनवाई में मुख्य न्यायधीश ने इस केस से संबंधित एसआईटी की फाइल भी कोर्ट में प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है.
झारखंड हाईकोर्ट में रेमदेसीविर कालाबाजारी मामले की सुनवाई

रांची. झारखंड हाईकोर्ट में कोरोना संक्रमण से बचने की दवा रेमदेसीविर कालाबाजारी मामले की सुनवाई गुरुवार को हुई. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में हुई. इस मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता की ओर से बताया गया कि निजी कारणों से इस आईटी हेड आज आदेश के बावजूद कोर्ट में मौजूद नहीं हो सके हैं.

इस केस की सुनवाई के दौरान एडीजी सीआईडी और इस मामले के अनुसंधानकर्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में मौजूद थे. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से स्पष्ट शब्दों में है बताने को कहा कि इस मामले के किसी अधिकारी को सरकारी गवाह या अप्रूवल बनाया गया है कि नहीं. मामले के अनुसंधानकर्ता ने पहले कहा कि बनाया गया है, फिर कहा कि नहीं अप्रूवल नहीं गवाह बनाया गया है.

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ऐसे में अदालत ने मामले के अब तक के अनुसंधान को संतोषजनक नहीं मानते हुए कहा कि इस प्रकार के अनुसंधान की आलोचना की जानी चाहिए. मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को निर्धारित करते हुए अदालत ने एडीजी सीआईडी मामले के अनुसंधानकर्ता और एसआईटी प्रमुख अनिल पलटा को अगली सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में मौजूद रहने को कहा है. इस मामले से संबंधित एसआईटी की फाइल भी कोर्ट में प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है .

रांची. झारखंड हाईकोर्ट में कोरोना संक्रमण से बचने की दवा रेमदेसीविर कालाबाजारी मामले की सुनवाई गुरुवार को हुई. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में हुई. इस मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता की ओर से बताया गया कि निजी कारणों से इस आईटी हेड आज आदेश के बावजूद कोर्ट में मौजूद नहीं हो सके हैं.

इस केस की सुनवाई के दौरान एडीजी सीआईडी और इस मामले के अनुसंधानकर्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में मौजूद थे. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से स्पष्ट शब्दों में है बताने को कहा कि इस मामले के किसी अधिकारी को सरकारी गवाह या अप्रूवल बनाया गया है कि नहीं. मामले के अनुसंधानकर्ता ने पहले कहा कि बनाया गया है, फिर कहा कि नहीं अप्रूवल नहीं गवाह बनाया गया है.

ऐसे में अदालत ने मामले के अब तक के अनुसंधान को संतोषजनक नहीं मानते हुए कहा कि इस प्रकार के अनुसंधान की आलोचना की जानी चाहिए. मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को निर्धारित करते हुए अदालत ने एडीजी सीआईडी मामले के अनुसंधानकर्ता और एसआईटी प्रमुख अनिल पलटा को अगली सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में मौजूद रहने को कहा है. इस मामले से संबंधित एसआईटी की फाइल भी कोर्ट में प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है .

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