हाईकोर्ट ने पटना पुलिस को बताया किडनैपर, कहा- लगता है अपहरण किया
- रांची से सात नवंबर की रात को बिना नोटिस के अधिवक्ता की गिरफ्तारी पर झारखंड हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए पटना पुलिस को फटकार लगाईं है. पटना पुलिस को झारखंड हाईकोर्ट ने कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि पटना पुलिस ने वकील की किडनैपिंग की है. साथ ही एसएसपी पटना और रांची व बिहार के गृह सचिव को जवाब तलब किया है.
रांची. झारखंड हाईकोर्ट के वकील और सरकार के अपर लोक अभियोजक रजनीश वर्धन की पटना पुलिस द्वारा गिरफ्तारी पर कोर्ट ने कहा है कि ऐसा लगता है पटना पुलिस ने वकील का अपहरण किया है. झारखंड हाईकोर्ट ने पटना पुलिस की कार्यशैली पर सख्त नाराजगी जाहिर की है. मंगलवार को जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने सुनवाई करते हुए पटना पुलिस को फटकार लगाईं है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा है कि क्यों न दोषी पुलिसकर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज की जाए.
झारखंड हाईकोर्ट के वकील रजनीश वर्धन को पटना पुलिस ने सात नवंबर की रात को बिना कारण बताये उनके घर गिरफ्तारी की थी जिसके बाद उनकी पत्नी ने 8 नवंबर को हाईकोर्ट में हैबियस कॉपर्स की याचिका दाखिल की थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने छठ की पूजा के कारण छुट्टी होने पर भी बेंच बनाई और मंगलवार को सुनवाई की. अदालत ने बिना नोटिस दिए वकील की गिरफ्तारी पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि अधिवक्ता को देर रात उनके घर से बिना कारण के गिरफ्तार करना पुलिस की ज्यादती है और कानून को अपने हाथ में लेने जैसा है.
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झारखंड हाईकोर्ट ने अधिवक्ता की गिरफ्तारी मामले में बिहार के गृह सचिव को प्रतिवादी बानाया है और 25 नवंबर तक कोर्ट में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. इसके साथ ही अदालत ने एसएसपी पटना और रांची को भी तलब करते हुए जवाब दकाहिल करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने जवाब में पूछा है कि किस परिस्थिति में अधिवक्ता को गिरफ्तार किया गया है.
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