HC में झारखंड सरकार की JSSC परीक्षा नई नियुक्ति नियमावली पर सुनवाई
- झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के जेएसएससी परीक्षा के लिए बनाई गई नई नियुक्ति नियमावली पर सुनवाई किया. इस दौरान झारखंड उच्च न्यायालय ने सरकार से पूछा कि किन परिस्थितियों में ऐसा किया गया है. अदलात ने इससे संबंधित सभी फाइलों को कोर्ट में पेश करने के लिए कहा है.

रांची. झारखंड उच्च न्यायालय में बुधवार को राज्य सरकार द्वारा JSSC परीक्षा के लिए बनाई गई नई नियमावली को लेकर सुनवाई हुई. इस सुनवाई में झारखंड हाईकोर्ट ने नइ नियमावली बनाए जाने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि किन परिस्थितियों में ऐसा किया गया है. इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले से संबंधित सभी फाइलों को उनके सामने पेश करने के लिए भी कहा है. अब इसकी अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी.
झारखंड हाईकोर्ट ने इसके साथ ही सरकार से पूछा कि जब राज्य के आरक्षित वर्ग के लोगों को राज्य के संस्थान के बजाय बाहर से दसवीं और बारहवीं करने वालों को नियुक्ति में छूट प्रदान किया गया है. तो सामान्य वर्ग के लोगों को ऐसा करने पर क्यों रोक लगाई गई है. इसके साथ ही सरकार से अदालत ने पूछा कि नई नियुक्तियों से भाषा के पेपर में हिंदी और अंग्रेजी को क्यों हटा दिया गया है. क्या राज्य में हिंदी बोलने वालों की संख्या नहीं है. साथ ही यह भी कहा कि राज्य में उर्दू, बंगाली और उड़िया बोपने वाले ज्यादा है. इन सभी सवालों को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है.
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बता दें कि याचिका में कहा गया है कि राज्य संस्थानों से पास होने वाले दसवीं और बारहवीं अभ्यर्थियों को ही इसमें शामिल होने की अनिवार्य शर्त रखी गई है. वहीं इसमें से हिंदी और अंग्रेजी भाषा को बाहर कर दिया गया है. जबकि उर्दू, बंगाली और उड़िया को 12 भाषाओं में रखा गया है. याचिकाकर्ता का कहना है कि नई नियमावली में राज्य के संस्थानों से ही दसवीं और प्लस टू की परीक्षा पास करने वालों को अनिवार्य किया जाना संविधान के मूल भावना और समानता के अधिकार का उलंघन है.
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