JBVNL ने केंद्र को भेजा प्रस्ताव, लाखों घरों में Pre-Paid मीटर की तैयारी शुरू

Smart News Team, Last updated: Sun, 2nd Jan 2022, 9:49 AM IST
  • झारखंड सरकार ने 15 लाख घरों में बिजली का प्री-पेड मीटर लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. बिजली वितरण ढांचा में सुधार करते हुए गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति और लाइन लॉस में कमी लाने के लिये झारखंड बिजली वितरण निगम जेबीवीएनएल ने 10 हजार करोड़ का प्रस्ताव ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार को भेजा है. माना जा रहा है कि नई योजना पर काम होने के बाद जेबीवीएनएल का एटीएंडसी लॉस कम हो सकेगा.
JBVNL ने केंद्र को भेजा प्रस्ताव, लाखों घरों में Pre-Paid मीटर की तैयारी शुरू

रांची. झारखंड सरकार ने 15 लाख घरों में बिजली का प्री-पेड मीटर लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. बता दें कि, कांटिया डाल कर चोरी की गुंजाइश खत्म करने के लिये आवासीय कॉलोनियों में 11 केवी के एलटी तारों को एबी केबिल और अंडरग्राउंड केबिल में बदला जाएगा. इसके लिए  बिजली वितरण ढांचा में सुधार करते हुए गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति और लाइन लॉस में कमी लाने के लिये झारखंड बिजली वितरण निगम जेबीवीएनएल ने 10 हजार करोड़ का प्रस्ताव ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार को भेजा है. 

नई योजना पर काम होने के बाद जेबीवीएनएल का एटीएंडसी लॉस कम हो सकेगा. इस समय एटीएडसी लॉस करीब 35 प्रतिशत दर्ज हो रहा है. इसे कम करके 17 प्रतिशत पर लाना है. यह लॉस आपूर्ति और वसूली के अंतर को दर्शाता है, जो झारखंड में काफी अधिक और डिस्कॉम की आर्थिक सेहत के लिये चिंता का सबब बना हुआ है.

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राजस्व में कमी से जेबीवीएनएल डीवीसी को शत प्रतिशत भुगतान नहीं कर पाता. यही कारण है कि डीवीसी बकाया भुगतान नहीं होने के कारण पिछले दो माह से कमांड एरिया में आठ से दस घंटे लोड शेडिंग हो रही है. एटीएंडसी लॉस को कम करने के लिये राज्य के वितरण ट्रांसफार्मरों पर भी मीटर लगाये जायेंगे. 

इस मीटर से यह पता चल सकेगा कि ट्रांसफार्मर से कितनी बिजली मिली और इससे घरों को दी गई बिजली के बदले कितनी वसूली हो सकी आपूर्ति और बिलिंग के माध्यम से यह जानकारी मिल जायेगी कि ट्रांसफार्मर पर लाइन लॉस कितना है. इससे आपूर्ति का दायरा सीमित होता है इस करण चोरी का पता लगाया जा सकेगा.

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रांची, जमशेदपुर और धनबाद में लग रहे 6.5 लाख प्री-पेड मीटर के अतिरिक्त प्री-पेड मीटर लगेंगे. रिचार्ज खत्म होने से बिजली स्वतः बंद हो जायेगी. उपभोक्ता अग्रिम भुगतान करके बिजली का उपयोग कर सकेंगे. इससे राज्य में बिजली बिल की वसूली जैसे बड़ी सम्सया का समाधान होगा. 

वर्तमान में करीब 450 करोड़ की बिजली आपूर्ति हो रही है, जबकि बिजली बिल के रूप में राजस्व केवल 350 करोड़ तक वसूला जा पा रहा है. प्री-पेड मीटर से बिजली की खरीद-बिक्री का अंतर कम किया जा सकेगा. आर्थिक सेहत में सुधार होने पर डीवीसी टीवीएनएल आदि कंपनियों को जेबीवीएनएल ससमय भुगतान कर सकेगा.

बिजली वितरण वाले ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई जायेगी, नये ट्रांसफार्मर लगाये जाएंगे औऱ लंबे फीडर छोटे किये जायेंगे ताकि खराबी का जल्द एलटी तारों को एबी केबिल में बदला जाएगा. वहीं, अंडरग्राउंड केबिल भी डाला जाएगा. जर्जर तार बदले जायेंगे. ऐसा करने से हर मौसम में गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी. कटिया डाल कर बिजली चोरी नहीं की जा सकेगी.

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