झारखंड में गजब खेल: JPSC PT पास 57 कैंडिडेट मेंस एग्जाम के लिए डिसक्वालिफाई

Somya Sri, Last updated: Sat, 11th Dec 2021, 5:43 PM IST
  • सातवीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा (मेंस एग्जाम) को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से नोटिस जारी कर 57 अभ्यर्थियों को डिस्क्वालिफाई कर दिया गया है. इनमें 49 अभ्यर्थियों को पहले पास कर दिया गया था. जबकि 8 को अन्य कारणों से उत्तीर्ण घोषित नहीं किया गया है. 
झारखंड लोक सेवा आयोग (फाइल फोटो)

रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सातवीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. आयोग की ओर से नोटिस जारी कर 57 अभ्यर्थियों को असफल घोषित कर दिया गया है. इन अभ्यर्थियों में 49 अभ्यर्थियों को पहले पास कर दिया गया था. लेकिन अब उन्हें असफल घोषित कर दिया गया है. जबकि 8 को अन्य कारणों से उत्तीर्ण घोषित नहीं किया गया है.

इस संबंध में आयोग का कहना है की परीक्षा में शामिल हुए 57 अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट आयोग को नहीं मिली थी. लेकिन परीक्षा में इनका अटेंडेंस बना हुआ था. हालांकि परीक्षा के परिणाम जारी करने में देर ना हो इसके लिए पहले अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण कर दिया गया था. लेकिन अब इन अभ्यर्थियों को असफल घोषित किया जाता है. बताया जा रहा है कि आयोग के इस निर्णय के बाद विवाद और बढ़ने की आंशका है.

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क्या है मामला?

मालूम हो कि हाल ही में सातवीं जेपीएससी के मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने को लेकर एक याचिका झारखंड हाईकोर्ट में दायर की गई थी. जिसमें कहा गया था कि आयोग की ओर से गलत मॉडल आंसर के आधार पर पीटी का रिजल्ट घोषित किया गया है. जबकि इससे पूर्व सभी अभ्यार्थियों से इसको लेकर जेपीएससी ने आपत्ति मांगी थी. उनकी ओर से भी करीब 5 प्रश्नों का उत्तर गलत होने का दावा करते हुए संबंधित दस्तावेज भेजे गए थे.

याचिका में क्या कहा गया था?

याचिका में कहा गया था कि जेपीएससी ने गलत आंसर के आधार पर ही परिणाम जारी कर दिया. इस कारण मुख्य परीक्षा पर रोक लगा देनी चाहिए. याचिकाकर्ता का कहना था कि कुल 8 प्रश्नों के मॉडल उत्तर गलत है, इसलिए पीटी का रिजल्ट निरस्त किया जाए. याचिका में मुख्य परीक्षा के लिए भरे जा रहे फॉर्म पर रोक लगाने की मांग की गई थी. प्रार्थी की ओर से पेपर पेपर 1 वन के छह और पेपर दो के दो मॉडल उत्तर को गलत बताते हुए संबंधित दस्तावेज भी दिया गया था. लेकिन संशोधित परिणाम में उक्त उत्तर में सुधार नहीं किया गया. इसलिए परिणाम को निरस्त करने की मांग की गई थी.

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झारखंड हाईकोर्ट ने मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से किया था इंकार

झारखंड हाईकोर्ट ने सातवीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. सातवीं जेपीएससी की ओर से जारी मॉडल आंसर में गलत जवाब होने का दावा करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जेपीएससी से जवाब मांगा था. जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने जेपीएससी को 3 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था.

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