अजब-गजब: झारखंड के मंदिर में बलि चढ़े बकरों से बनाई जाएगी बिजली

Shubham Bajpai, Last updated: Mon, 13th Dec 2021, 6:35 PM IST
  • झारखंड के छिन्नामस्तिका मंदिर में प्रशासन अब बलि के बकरों से बिजली बनने जा रहा है. प्रशासन मंदिर परिसर में इसके लिए प्लांट लगाने की तैयारी कर रहा है. इसके साथ ही मंदिर में चढ़ने वाले फूलों से अगरबत्ती बनने की यूनिट लगाने को लेकर वार्ता हो रही है. जिससे मंदिर से अपशिष्ट को निस्तारित किया जा सकेगा.
झारखंड के इस मंदिर में बलि चढ़े बकरों से बनेगी बिजली, प्रशासन कर रहा ये व्यवस्था (फोटो सभार लाइव हिंदुस्तान)

रांची. झारखंड के रामगढ़ के प्रसिद्ध छिन्नमस्तिका मंदिर में चढ़ने वाले बलि के बकरों से बिजली बनाई जाएगी. इसके लिए जल्द ही मंदिर परिसर में प्लांट लगाया जाएगा. इसके साथ ही मंदिर में मिथिनेशन प्लांट भी लगाया जाएगा. मंदिर परिसर में फूलों से अगरबत्ती बनाने की प्रोसेसिंग यूनिट लगाने को लेकर प्रशासन तैयारी कर रहा है. ताकि इन प्लांट के जरिए मंदिर के अपशिष्ट को आसानी से निस्तारित किया जा सके. ये प्लांट एक साल में तैयार होने के बाद काम करना शुरू कर देंगे.

रामगढ़ का छिन्नमस्तिका मंदिर सिर्फ झारखंड में नहीं पूरे विश्व में काफी ख्याति प्राप्त धार्मिक स्थल है. इसमें देश- विदेश लोग दर्शन करने आते हैं. इस दौरान वो अपनी श्रद्धा से बकरों की बलि भी चढ़ाते हैं.

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रोजाना चढ़ती है 150 बकरों की बलि

इस मंदिर में जानकारी अनुसार, रोज 150 बकरों की बलि चढ़ती है. इन बकरों को नदी के किनारे धुलाने ले जाया जाता है. इस दौरान मंदिर परिसर से नदी के तट का खून बिखरा रहता है. जिससे कई श्रद्धालुओं को परेशानी का भी सामना करना पड़ता है. जिसको लेकर प्रशासन ये प्लांट लगाने जा रहा है.

बकरे के बेकार हिस्सों से रोजाना बनेगी 23 किलोवॉट बिजली

इस प्लांट के शुरू होने के बाद रोजाना बकरों के बलि के बाद बचे बेकार हिस्सों से करीब 23 किलोवॉट बिजली बनाई जाएगी. इसके लिए बलि के साथ बलि चढ़ाने वाले को एक टोकन दिया जाएगा. इस सेमीऑटोमैटिक स्लॉटर हाउस में बलि के बकरे के बेकार हिस्सों से बिजली बनाई जाएगी. जिससे मंदिर परिसर की स्ट्रीट लाइट के लिए उपयोग किया जाएगा.

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मंदिर से रोज निकलता 900 किलो अपशिष्ट

मंदिर परिसर में मिथिनेशन प्लांट के साथ, सेमी ऑटोमैटिक स्लॉटर हाउस और अगरबत्ती बनाने की प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाई जाएगी. जिसकी क्षमता प्रतिदिन 1 टन अपशिष्ट इस्तेमाल करने की होगी. जबकि आम दिनों में मंदिर में कुल 900 किलो अपशिष्ट ही निकलता है.

जल्द जमीन पर होगी योजना

रामगढ़ उपायुक्त माधवी मिश्रा ने बताया कि सरकार मंदिर की सुविधाएं विश्वस्तरीय करने में लगी हुई है. इसी के तहत इन प्लांट को लगाने के साथ मंदिर में प्रबंधन की नई व्यवस्था भी लागू की जाएगी. जल्द ही सभी योजनाएं जमीन पर होंगी.

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