खुद के ज्वेलरी शॉप-कार-बंगला... फिर भी खा रहे गरीबों का अनाज, अब होगी वसूली

Naveen Kumar, Last updated: Wed, 9th Mar 2022, 11:00 AM IST
  • झारखंड रांची में प्रखंडों के प्रमुख गरीब बनकर हर महीने पीडीएस दुकानों से राशन उठा रहे हैं. अधिकारियों ने सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
फाइल फोटो

रांची. मेन बाजार में ज्वेलरी शॉप, खुद का बंगला और कार. बावजूद इसके लिए गरीब बनकर हर महीने गरीबों का ही राशन डकार रहे हैं. यहां तक कि दिखावटी गरीब बनने में प्रखंडों के प्रमुख भी पीछे नही हैं. वे भी हर महीने पीडीएस दुकानों से राशन उठा रहे हैं. इसकी वजह से जरूरतमंद, गरीब और असहाय अपना राशन कार्ड नहीं बनवा पा रहे हैं, जिसके चलते वह सरकारी योजना से भी वंचित रह जाते हैं. हालांकि, शिकायत आने पर विभाग ने कार्रवाई भी की. 

रांची के जिला आपूर्ति पदाधिकारी अल्बर्ट बिलुंग ने मंगलवार को सोनाहातू प्रखंड की जांच कर राशनकार्डधारियों के आवास का निरीक्षण करने पहुंचे. इस दौरान अधिकारी भी देखकर चौंक गए. घर में 8 लाख रुपये की कार तो किसी की जेवर की दुकान, तो किसी का बंगला जैसा मकान. अधिकारियों ने सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. सभी से अब तक लिए गए अनाज को बाजार दर पर ब्याज समेत वसूला जाएगा. इसके साथ ही सबको 7 दिवस में जुर्माना राशि कोषागार में जमा करानी होगी.

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प्रखंड प्रमुख रमेश के घर जांच में सामने आया कि इनकी जेवर की दुकान है, कार और पक्का मकान है. रमेश अपनी जेवर के दुकान पर मिले. उन्होंने बताया कि उनकी माता का नाम कौशल्या देवी है. कौशल्या देवी के नाम से राशन कार्ड बना हुआ है. इसी तरह राजेंद्र भगत की बाजार में सीमेंट, किराना की सबसे बड़ी दुकानें हैं. घर में कार भी है. लेकिन, सविता देवी के राशन कार्ड से गलत तरीके से राशन उठा रहे थे. वहीं, विष्णु महतो जिनकी बाजार में किराना की दुकान है, उन्होंने नीलम देवी के नाम पर अंत्योदय कार्ड बनाया हुआ था. वह भी अवैध तरीक से राशन उठा रहे हैं. बता दें कि सरकारी कर्मचारी, व्यावसायिक करने वाले का राशन कार्ड नहीं बन सकता. इसी तरह ​परिवार में किसी सदस्य के नाम कार हो तो भी उनका राशन कार्ड नहीं बन सकता.

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