JPSC: सुप्रीम कोर्ट का झारखंड सरकार को नोटिस, पूछा- क्या उम्मीदवारों को वन टाइम उम्र सीमा में मिल सकती है छूट

Priya Gupta, Last updated: Tue, 14th Sep 2021, 8:51 AM IST
  • सुप्रीम कोर्ट ने जेपीएसी की 8वीं,9वीं और 10वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा के कट ऑफ को लेकर नोटिस जारी किया है.
सुप्रीम कोर्ट का झारखंड सरकार को नोटिस

रांची: सुप्रीम कोर्ट ने जेपीएसी की 8वीं,9वीं और 10वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा के कट ऑफ को लेकर दायर विशेष याचिक पर राज्य सरकार को सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में कहा गया है कि जेपीएससी की परीक्षा 21 वर्षों में छह बार हुई है. पांच वर्ष बाद ली जा रही परीक्षा में क्या उम्मीदवारों को सरकार की तरफ से वन टाइम उम्र सीमा में छूट दे सकती है या नहीं.

इस मामले को देखते हुए कोर्ट ने प्रतिवादी को हाथोंहाथ नोटिस का तामिला कराने का निर्देश दिया. वहीं, अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 21 सितंबर की तिथि निर्धारित की. जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना की खंडपीठ ने एसएलपी पर सुनवाई के बाद उक्त निर्देश दिया. इस मामले में खंडपीठ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई की गई. झारखंड हाइकोर्ट के वरीय अधिवक्ता व पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पक्ष रखा.

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उन्होंने खंडपीठ को बताया कि जेपीएससी ने वर्ष 2020 में नियुक्ति विज्ञापन निकला था. जिसमें कट ऑफ डेट वर्ष के बाद रखा गया था. बाद में विज्ञापन को वापस ले लिया गया. राज्य सरकार की अधियाचना पर JPSC ने 2021 में सातवीं, आठवीं, 9वीं और 10वीं जेपीएससी परीक्षा का विज्ञापन जारी किया. वकील श्री कुमार ने पांच साल बाद होने वाली परीक्षा का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों (जिनकी उम्र ज्यादा हो गई है) के भविष्य को देखते हुए कट डेट साल 2011 रखने का आग्रह किया.

उन्होंने खंडपीठ को यह भी बताया कि 21 वर्षों के दाैरान जेपीएससी द्वारा मात्र छह बार ही संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जा सका है. बता दें, प्रार्थी रीना कुमारी, अमित कुमार व अन्य की ओर से एसएलपी दायर की गयी है. प्रार्थियों ने झारखंड हाइकोर्ट द्वारा 25 अगस्त 2021 को दिये गये फैसले को चुनौती दी है. हाइकोर्ट ने एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार द्वारा संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा का कट ऑफ डेट को सही ठहराया था.

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