चमोली में फंसे झारखंड के मजदूर, परिजनों को NTPC ने जरूरी कागजात,फोटो सहित बुलाया
- चमोली में ग्लेशियर फटने से हुए हादसे में झारखंड के भी 21 लोग लापता हैं, जिनका कोई पता नहीं चल पाया है. एनटीपीसी ने मजदूरों के ठेकेदार विनोद सिंह को फोन कर उनके परिजनों को मजदूरों की तस्वीरों और जरूरी कागजातों के साथ चमोली भेजने के लिए कहा है.
रांची. उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने और बादल फटने के कारण बहुत बड़ा हादसा हो गया है. इस आपदा में करीब 150 लोगों के गुम होने की जानकारी सामने आ रही है. वहीं, हाल ही में खबर आई है कि चमोली में हुए इस हादसे में झारखंड के भी 21 लोग लापता हैं, जिनका अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है. मजदूरों की गुमशुदगी के कारण उनके परिजन भी परेशान हैं. वहीं, बीते मंगलवार को एनटीपीसी ने मजदूरों के संब्ध ठेकेदार विनोद सिंह को फोन कर मजदूरों की तस्वीरों और जरूरी कागजातों के साथ उनके परिजन को चमोली बुलाया है.
चमोली में लापता हुए 21 मजदूर विनोद सिंह के अधीन काम करते थे और इन्हीं के अधीन वह चमोली में बन रहे पावर प्रोजेक्ट में भी काम करने गए थे. एनटीपीसी का फोन आने के बाद मजदूरों के परिजन झारखंड से चमोली के लिए रवाना हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि फोन आने के बाद मजदूरों के परिजनों की चिंता और बेचैनी और भी बढ़ गई है. मजदूरों के गांव में भी घटना के दिन से ही मातम छाया हुआ है.
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चमोली में हुए हादसे में गायब हुए मजदूरों का नाम बिरसय मुंडा, कुलदीप कुमार महतो और मिथलेश महतो है. यह सभी मजदूर गोला प्रखंड के रहने वाले हैं. वहीं इनमें एक संग्रामपुर का मदन महतो भी शामिल है, जो हादसे के बाद से ही लापता है. ये सभी यहां से छह जनवरी को उत्तराखंड के चमोली में चल रहे एनटीपीसी के निर्माण में काम करने के लिए गए थे. मजदूर वेल्डर का काम करते थे और हादसे के बाद से ही उनका कुछ पता नहीं चल रहा है.
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