राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस: झारखंड के एक करोड़ बच्चों को कृमि नाशक दवाई खिलाई जाएगी

Smart News Team, Last updated: Sat, 6th Feb 2021, 9:16 AM IST
  • झारखंड के 16 जिलों में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया जाएगा. 10 से 20 फरवरी तक 1 से 19 वर्ष तक के लगभग एक करोड़ आठ लाख बच्चों को कृमि नाशक दवा खिलाई जाएगी. एनएचएम के अभियान निदेशक रविशंकर शुक्ला ने बताया कि आंगनबाडी सेविका घर-घर जाकर बच्चों को कृमि नाशक दवा खिलाई जाएगी.
आंगनबाडी केंद्रों पर कृमि नाशक दवा खिलाई जाएगी. ( सांकेतिक फोटो )

रांची: झारखंड के बच्चों को कृमि संक्रमण से जुड़ी बिमारियों से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग 10 से 20 फरवरी तक राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन करने जा रहा है. यह अभियान राज्य के 16 जिलों में चलाया जाएगा. इस अभियान के तहत 1 से 19 वर्ष तक के लगभग एक करोड़ आठ लाख बच्चों को कृमि नाशक दवा खिलाई जाएगी.

एनएचएम के अभियान निदेशक रविशंकर शुक्ला ने बताया कि कोरोना के कारण स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में दवाई पिलाने का कार्यक्रम रुक गया था. अब आंगनबाड़ी सेविका घर-घर जाकर 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों को निर्धारित मात्रा में दवा (एलबेंडाजोल 400 एमजी) खिलाएगी. इसके साथ ही आंगनबाड़ी सेविका के द्वारा आईएफए सिरप, आईएफए गुलाबी गोली तथा आईएफए नीली गोली भी वितरित की जाएगी. एनएचएम निदेशक ने बताया कि अभियान के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाएगा.

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शुक्ला ने बताया स्वास्थ्य विभाग इस पहल के पीछे युवाओं के स्वास्थ्य निर्माण की दिशा में एक ऐसी पहल की जा रही है. जो बच्चों के शरीर और मस्तिष्क दोनों को स्वस्थ बनाता सके. उन्होंने कहा कि कृमि नियंत्रण की दवा सभी के लिए सुरक्षित है, लेकिन गंभीर कृमि संक्रमित बच्चों में मामूली साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. इन दवाईयों का सेवन करने के बाद जी मिचलाना, पेट में हल्का दर्द, उल्टी, दस्त, और थकान आदि की समस्या हो सकती है. जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग प्रबंधन ने लोगों के लिए 104 (स्वास्थ्य हेल्प लाइन सेवा) तथा 108 (एम्बुलेंस) को आपातकालीन चिकित्सा टीम के साथ तैयार रखा है.

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यह अभियान रांची सहित चतरा, देवघर, दुमका, खूंटी, सिमडेगा, कोडरमा, लोहरदगा, पाकुड़, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, गुमला, हजारीबाग, पश्चिमी सिंहभूम और पूर्वी सिंहभूम के 16 जिलों में आयोजित किया जाएगा. साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने दवाई के लिए डोज के साथ आयु सीमा का भी निर्धारण किया है. इसमें 1 से 2 वर्ष के बच्चों को आधी गोली, 2 से 3 वर्ष 1 गोली (पानी से) और 3 से 19 वर्ष 1 गोली ( चबाकर ) खानी होगी.

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