झारखंड रेल की परियोजनाओं के लिए महज हजार रुपये, करोड़ों का है प्रोजेक्ट
- परियोजना के मद में कम राशि आवंटित होने का मतलब यह है कि परियोजना अभी बंद नहीं हुई है. फिलहाल, ऐसी परियोजनाओं में आंतरिक सर्वे का काम जारी रहेगा.

रांची : केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश भर की रेलवे परियोजनाओं को लेकर कई बड़े ऐलान किये पर झारखंड के लोगों के लिए संपूर्ण रूप से खुशखबरी नहीं है. रांची रेल मंडल की कई ऐसी बड़ी परियोजनायें हैं जिसमें महज 1000-1000 रुपये ही आवंटित किये गये हैं. हालांकि, कई परियोजनाओं के लिए करोड़ों रुपये मिले हैं. रांची मंडल के अधिकारी ने बताया कि किसी परियोजना के मद में कम राशि आवंटित होने का मतलब यह है कि परियोजना अभी बंद नहीं हुई है. फिलहाल, ऐसी परियोजनाओं में आंतरिक सर्वे का काम जारी रहेगा.
गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने नामकुम-कांड्रा रेल लाइन (106 किमी) के लिए महज एक हजार रुपये आवंटित किये हैं. रांची-लोहरदगा-टोरी तक विस्तार सहित 113 किमी लाइन जो लगभग बनकर तैयार है, उसके लिए भी एक हजार रुपये आवंटित किये गये हैं. वहीं, मुरी-बरकाकाना डबलिंग लाइन (58 किमी), रांची-टाटीसिलवे यार्ड के ढांचे में परिवर्तन तथा अन्य कार्य, मुरी यार्ड लाइन संख्या एक से पांच तक रफ्तार बढ़ाने, गोला रोड आरसीसी पहुंच मार्ग व माल शेड में इनसाइड सर्फेस निर्माण के लिए भी हजार-हजार रुपये ही आवंटित किये गये हैं.
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रेल अस्पताल रांची पर 40 हजार लोगों के इलाज करने की जिम्मेवारी
आपको बता दें कि रेल अस्पताल रांची रेल डिविजन का एकमात्र अस्पताल है. इस अस्पताल पर लगभग सात हजार रेलकर्मी, सेवानिवृत्त कर्मी व उनके परिजनों को मिला कर कुल 40 हजार लोगों के इलाज करने की जिम्मेवारी है. अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 250 मरीज आते हैं. इसमें 50 से 60 मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर किया जाता है. डीआरएम नीरज अंबष्ठ ने बताया कि रेलकर्मियों को हटिया रेल अस्पताल में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिले, इसके लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है.
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