झारखंड में स्कूल खोलने के लिए हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर
- 10वीं, 12वीं के लिए स्कूल खोले गये, लेकिन नर्सरी से नौवीं तक की पढ़ाई बंद है. इससे लाखों विद्यार्थी प्रभावित हैं. ऐसे में स्कूल खोलने के लिए सरकार को उचित आदेश दिया जाये. लगभग 65 प्रतिशत गरीब विद्यार्थियों के पास ऑनलाइन पढ़ाई के लिए स्मार्ट फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर, इंटरनेट सहित अन्य सुविधाएं नहीं हैं.

रांची: झारखंड में पढ़ाई से जुड़ी संस्थानों को खोलने के लिए हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है. कोरोना की वजह से लगभग सालभर से ये सारी सुविधाएं बंद है. झारखंड गैर सरकारी स्कूल संचालक संघ, झारखंड रांची की ओर से केंद्रीय अध्यक्ष राम प्रकाश तिवारी ने यह याचिका दायर की है. प्रार्थी के अधिवक्ता कृष्णा प्रजापति ने बताया कि कोरोना के कारण झारखंड सरकार ने सभी स्कूलों, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों को बंद रखा है.
10वीं व 12वीं के लिए स्कूल खोले गये, लेकिन नर्सरी से नौवीं तक की पढ़ाई बंद है. इससे लाखों विद्यार्थी प्रभावित हैं. ऐसे में स्कूल खोलने के लिए सरकार को उचित आदेश दिया जाये. प्रार्थी ने कहा है कि 65 प्रतिशत गरीब विद्यार्थियों के पास ऑनलाइन पढ़ाई के लिए स्मार्ट फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर, इंटरनेट सहित अन्य सुविधाएं नहीं हैं. स्कूल बंद रहने के कारण नर्सरी से आठवीं तक की पढ़ाई नहीं हो पायी.
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झारखंड बोर्ड ने आठवीं की परीक्षा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरा जाना है. शुल्क जमा नहीं करनेवाले हजारों गैर मान्यता वाले निजी स्कूलों को आठवीं बोर्ड परीक्षा में छात्रों का रजिस्ट्रेशन फॉर्म जमा करने के लिए पासवर्ड नहीं देने से लाखों बच्चे परीक्षा से वंचित रह जायेंगे. अभिभावकों द्वारा फीस जमा नहीं करने से शिक्षकों, कर्मचारियों का वेतन, बस का रोड टैक्स, बैंक किस्त, बिजली बिल आदि जमा करने में परेशानी हो रही है.
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