रांची: झारखंड के कम्युनिस्ट नेता त्रिदिव घोष की हुई कोरोना से मौत

Smart News Team, Last updated: Wed, 16th Dec 2020, 7:39 AM IST
  • जनसरोकार के मुद्दों को उठाने वाले त्रिदिव घोष का हुए करोना संक्रमण से मौत, इंडियन पीपुल्स फ्रंट के संस्थापक नेताओं में से एक थे.पलामू में सूखा पीड़ितों के लिए छोटानागपुर राहत कमेटी नाम से एक कमेटी बनायी. इस कमेटी में त्रिदीव घोष जी ने अहम भूमिका निभाई.
रांची: झारखंड के कम्युनिस्ट नेता त्रिदिव घोष की हुई कोरोना से मौत (फाइल फ़ोटो)

रांची: त्रिदिव घोष का निधन झारखण्ड के लिए ऐसी छती है जो कभी पुरा नहीं कि जा सकती. घोष दा मानवधिकार के मुद्दों पर लगतार संघर्षरत रहे मंचों से और संघर्षों के माध्यम से उठाते रहें , वे फर्जी इनकाउंटर, निर्दोष आदिवासियों को जेल में बंद करने, जंगल जमीन खनिज के दोहन के खिलाफ लगातार संघर्षरत रहे.वे इंडियन पीपुल्स फ्रंट के संस्थापक नेताओं में से एक थे. वे लम्बे समय से पीयूसीएल से जुड़े रहे. वाम दलों के नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है.

पलामू में सूखा पीड़ितों के लिए अभियान चलाया था

छोटानागपुर राहत कमेटी नाम से एक कमेटी बनायी. इस कमेटी में त्रिदीव घोष जी ने अहम भूमिका निभाई.

वर्ष 1992 में पलामू में सूखा (अकाल) पड़ा था, जमीन फट चुकी थी. स्थिति काफी गंभीर हो गयी थी. पानी अौर चारा के अभाव में जानवर मर रहे थे. भूख से कई लोगों की मौत हो चुकी थी. लोग पलामू छोड़ कर जा रहे थे. ऐसी स्थिति में प्रभात खबर ने सूखा पीड़ितों की सहायता के लिए अभियान चलाया. अखबार में पलामू के गांवों और भुखमरी पर लगातार रिपोर्ट छापी.

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इतना ही नहीं, रांची में प्रभात खबर ने छोटानागपुर राहत कमेटी नाम से एक कमेटी बनायी. इस कमेटी में रांची के डॉ सिद्धार्थ मुखर्जी, कर्नल बक्शी, हरिवंश, त्रिदीव घोष जैसे प्रमुख लोग थे. लोगों से अपील की कि वे सूखा पीड़ियों की सहायता के लिए आगे आयें. प्रभात खबर की पूरी टीम और शहर की प्रमुख संस्थाओं ने रांची में घुम-घुम राहत सामग्री एकत्रित की. शहर की संस्थाअों ने साथ दिया. एक-एक कर यहां की संस्थाएं आगे आती गयीं. लोग सामने आये.

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