राज्य स्थापना दिवस पर टी-शर्ट घोटाले में झारखण्ड हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

Smart News Team, Last updated: Fri, 15th Jan 2021, 6:15 PM IST
  • रांची हाईकोर्ट ने सरकार को महालेखाकार की रिपोर्ट के आलोक में विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. महालेखाकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि टी शर्ट और टॉफी किट खरीदारी में निकाला गया टेंडर सही नहीं था, और खरीदारी में नियमों का पालन नहीं किया गया है.
केडीए में करोड़ों रुपए का डीजल घोटाला हुआ है.

रांची: वर्ष 2016 में झारखण्ड राज्य स्थापना दिवस पर टी शर्ट खरीद घोटाले में रांची हाईकोर्ट ने सरकार को महालेखाकार की रिपोर्ट के आलोक में विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. महालेखाकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि टी शर्ट और टॉफी किट खरीदारी में निकाला गया टेंडर सही नहीं था, और खरीदारी में नियमों का पालन नहीं किया गया है. करीब 4.96 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की गयी है. इस मामले में सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश हाईकोर्ट ने दिया है. इस घोटाले की सीबीआई जांच के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है.

इस संबंध में सेंटर फॉर आरटीआई (CRTI) के अध्यक्ष पंकज यादव ने जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2016 में झारखंड सरकार ने वित्तीय नियमों को ताक पर रखते हुए 10 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे. रांची के उपायुक्त ने दो अलग-अलग मद में 4.65 करोड़ खर्च किए थे.

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इसमें दस हजार स्कूलों के पांच लाख बच्चों के लिए एक हजार टॉफी बैग तथा टी-शर्ट खरीदी गयी थी. टी शर्ट लुधियाना के कुदू इंटरप्राइजेज और टी शर्ट जमशेदपुर के लल्ला इंटरप्राइजेज से खरीदी गयी थी. झारखंड राज्य शिक्षा परियोजना परिषद के तत्कालीन नोडल अफसर ने 14 नवंबर 2016 को टी शर्ट और टॉफी प्राप्त किया. अगले ही दिन सुबह पांच लाख बच्चों के बीच उसका वितरण भी कर दिया गया.

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प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि सरकार के पास ऐसी कोई मशीनरी नहीं है कि एक ही दिन में सामग्री प्राप्त कर उसे अगले ही दिन सुबह तक सभी स्कूलों तक पहुंच कर बांट दी जाए. प्रार्थी ने आरोप लगाया कि कुछ बच्चों के बीच सामग्री बांट कर कागज ही में इसे पूरा कर दिया गया. अदालत से इसकी विशेष ऑडिट कराने और दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया गया.

 

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