रांची पुलिस करेगी कश्मीरियों की प्रोफाइल तैयार! घर का पता, व्यापार इलाकों की लेगी जानकारी
- रांची में कश्मीरी कारोबारियों पर हमले के बाद झारखंड पुलिस ने राजधानी में रहने वाले व्यापारियों की प्रोफाइल तैयार करेगी. इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि कश्मीर रांची के किन-किन इलाकों में रहते है. इन प्रोफाइल में यह जानकारी दर्ज होगी कि उनका कश्मीर के किस-किस इलाके से संबंध है और वह व्यापार करने कहा-कहा जाते है.
रांची. कश्मीरियों पर हुए हमलों को लेकर झारखंड पुलिस चिंतित हैं. हमलों को संज्ञान में लेते हुए रांची पुलिस (Ranchi Police) ने राजधानी में रह रहे कश्मीरियों कारोबारियों (Kashmiri businessmen) की प्रोफाइल तैयार करने का फैसला किया है. पुलिस प्रोफाइल में यह जानकारी दर्ज करेगी कि कश्मीरियों रांची में कहा-कहा रहते है और उनका जम्मू-कश्मीर के किस हिस्से से संबंध है. साथ ही पुलिस यह भी जानकारी इकट्ठा करेगी कि वह शहर के किस-किस इलाकों में जाकर व्यापार करते है. पुलिस ने इसके लिए पीस कमेटी के सदस्यों से यह जानकारी मांगी है कि वह अपने क्षेत्र में रहने वाले कश्मीरियों की सूची पुलिस को उपलब्ध कराएं. इस सूची में उनके मोबाइल नंबर व पहचान पत्र की भी जानकारी हो. बता दें कि कुछ समय पहले डोरंडा इलाके में कश्मीरी युवक के साथ मारपीट के दो मामले सामने आए हैं. ये सभी सर्दियों के मौसम में व्यापार करने रांची आए थे.
पुलिस ने बताया है कि कश्मीरियों पर हुए हमलों के बाद पुलिस मुस्तैद है. उनका कहा है कि राजधानी का माहौल खराब होते-होते बचा. डोरंडा इलाके हुए पहले मामले में एक नशेड़ी की भूमिका सामने आई जिसे पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. वहीं दूसरी घटना के बाद मामला इतना बिगड़ गया कि स्थानीय लोगों ने थाने का घेराव तक कर डाला.
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असामाजिक तत्वों की पहचान कर रही पुलिस
पुलिस का कहना है कि पहले कभी भी झारखंड में कश्मीरियों कारोबार को व्यापार करने में कोई दिक्कत नहीं हुई, लेकिन आखिर ऐसा क्या वजह है कि अब उन्हें निशाना बनाए जाने की कोशिश की जा रही है. पुलिस असामाजिक तत्वों की पहचान करके कार्रवाई करने की बात भी कह रही है.
रांची में सालों से कारोबार कर रहे कश्मीर
लोगों को कहना है कि राजधानी में कश्मीर बरसों से कारोबार कर रहे है, लेकिन कभी भी उन्हें किसी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा. जम्मू कश्मीर से आने वाले अधिकांश कारोबारी सर्दियों के मौसम में अपना कारोबार करते हैं और कश्मीर में बने हुए ऊनी कपड़ों को लेकर वे सभी राजधानी आते हैं और विभिन्न इलाके में किराए के मकान में रह कर पूरे राजधानी में घूम घूम कर कारोबार करते हैं यह सिलसिला लगभग 50 सालों से चल रहा है.
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