रांची: उर्दू की वरीयता सूची अलग से बनेगी, राज्य उर्दू शिक्षक संघ ने किया स्वागत

Smart News Team, Last updated: Sat, 26th Dec 2020, 11:39 AM IST
  • बिहार लोक सेवा आयोग द्वार 1994 में 10 फ़ीसदी उर्दू शिक्षकों की बहाली की गई थी. जिनके नियुक्ति पत्र का ज्ञापन समान्य शिक्षकों की तरह एक समान है. सामान्य श्रेणी में प्रोन्नति के लिए उपलब्ध पदों में से 10 प्रतिशत पदों पर उर्दू शिक्षकों को प्रोन्नति दी जाए.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमत सोरेन

रांची: राज्य में 1994 में बिहार लोक सेवा की ओर से नियुक्त उर्दू शिक्षकों की वरीयता सूची अलग से तैयार की जायेगी. यह सूची समान्य शिक्षकों की सूची से अलग होगी. प्राथमिक शिक्षा विभाग ने इसका अदेश भी जारी कर दिया है. रांची के उपायुक्त की ओर से विभाग से मांगे गए मार्गदर्शन के बाद विभाग ने यह आदेश जारी किया है. इसका पालन करने का निर्देश सभी जिला के जिला अधीक्षकों को दिया गया. विभाग कि ओर से जारी आदेश में कहा गया है, कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वार 1994 में 10 फ़ीसदी उर्दू शिक्षकों की बहाली की गई थी. जिनके नियुक्ति पत्र का ज्ञापन समान्य शिक्षकों की तरह एक समान है.

राज्य उर्दू शिक्षक संघ ने किया स्वागत

झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ प्रदेश महा सचिव अमीन अहमद ने कहा कि यह बड़ी सफलता है, 1994 बैच के उर्दू शिक्षकों की जायज मांग है.सराय केला - खरसावां जिला को छोड़कर राज्य के अन्य किसी भी जिले में उर्दू शिक्षकों की वरीयता सूची में सामान्य शिक्षकों के समान वरीयता क्रम आवंटित नहीं किया गया था.स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने कहा है कि सामान्य व उर्दू शिक्षकों की अलग वरीयता सूची बननी चाहिए। 10 प्रतिशत पदों पर उर्दू शिक्षकों के संधारित पृथक वरीयता सूची से प्रोन्नति दी जाए. 

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प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के अवर सचिव अरविंद सिंह ने रांची डीसी को भेजे पत्र में कहा है कि प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक प्रोन्नति नियमावली 1993 के प्रावधानों के मुताबिक ग्रेड 3 या अन्य उच्चतर ग्रेड में सामान्य श्रेणी में प्रोन्नति के लिए उपलब्ध पदों में से 10 प्रतिशत पदों पर उर्दू शिक्षकों को प्रोन्नति दी जाए.

 

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