रांची: RIMS के नियोनेटोलॉजी विभाग में नवजात बच्चों के लिए ओपीडी सेवा शुरू

Mithilesh Kumar Patel, Last updated: Wed, 9th Feb 2022, 10:46 PM IST
  • रांची स्थित RIMS में पहली बार नवजात बच्चों के इलाज के लिए बने नियोनेटोलॉजी विभाग में ओपीडी सेवा की शुरूआत हुई. इस सेवा की शुरुआत रिम्स के डॉयरेक्टर डॉ कामेश्वर प्रसाद के हाथों की गई. अब विभाग के डॉक्टरों को यहां भर्ती नवजात मरीजों की छुट्टी के बाद भी फॉलोअप आसानी मिल सकेगी.
रिम्स के नियोनेटोलॉजी विभाग में पहली बार नवजात बच्चों के लिए ओपीडी सेवा शुरू

रांची. झारखंड की राजधानी रांची स्थित राजेन्द्र मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस यानी RIMS में पहली बार नवजात बच्चों के इलाज के लिए बने नियोनेटोलॉजी विभाग में ओपीडी सेवा की शुरूआत हो गई. इस विभाग में ओपीडी सेवा की शुरुआत रिम्स के डॉयरेक्टर डॉ कामेश्वर प्रसाद के हाथों की गई. डॉक्टरों ने बताया कि बिहार और झारखंड दोनों राज्यों के सभी मेडिकल कॉलेजों में से अब तक इस तरह की ओपीडी सेवा मुहैया कराने वाली ये इकलौती मेडिकल संस्थान की बन गई है. नवजात बच्चों के लिए नियोनेटोलॉजी विभाग में मिलने वाली ओपीडी सेवा सप्ताह में केवल एक दिन बुधवार को ही उपलब्ध हो सकेगी. हालांकि कुछ दिनों बाद इस ओपीडी सेवा के दिनों में बढ़ोत्तरी की जाएगी.

भर्ती बच्चों के छुट्टी हो जाने के बाद नही मिल पाती थी फॉलोअप, मगर अब मिल सकेगी

इसके शुरु हो जाने पर नियोनेटोलॉजी विभाग के डॉक्टर किरण शंकर दास ने बताया कि इस ओपीडी के खुल जाने से नियोनेटोलॉजी विभाग में भर्ती बच्चों के ईलाज के बाद फॉलोअप में अब परेशनी नहीं होगी. इससे पहले ऐसे बच्चों को सीधा विभाग में बुलाकर देखना पड़ता था. या फिर पीडियाट्रिक ओपीडी में ही नवजात बच्चों को दिखाना पड़ता था, जिस कारण नियोनेटोलॉजी विभाग के डॉक्टरों को उन बच्चों के डेवलपमेंट के बारे में पता नहीं चल पाता था.

सावधान! ठगी का नया तरीका,पैनकार्ड को हथियार बना साइबर अपराधी उड़ा रहे खातों से रुपये

नियोनेटोलॉजी विभाग में रोजाना करीब 50 नवजात बच्चे होते हैं भर्ती

इस ओपीडी सेवा उद्धाटन के दौरान रिम्स के डॉयरेक्टर डॉ कामेश्वर प्रसाद ने बताया कि भविष्य में अधिक रिस्क वाले नवजात बच्चों के फोलोअप के लिए न्यूरोडेवलपमेंटल क्लीनिक शुरू करने की योजना है. बता दें कि नियोनेटोलॉजी विभाग में रोजाना करीब 50 नवजात बच्चे इलाज के लिए भर्ती कराए जाते हैं. इलाज पूरी होने के बाद जब ऐसे बच्चों को अस्पताल से छुट्टी मिल जाती थी तब मरीज बच्चों का इलाज करने वाले डॉक्टरों से फॉलोअप नहीं मिल पाती थी. जिसके चलते उन मरीजों को शिशु रोग विभाग यानी पीडियाट्रिक विभाग के डॉक्टरों से सलाह लेनी पड़ती थी. अब नियोनेटोलॉजी विभाग में ओपीडी की शुरुआत हो जाने से संबंधिंत मरीजो को, इस विभाग में मौजूद नवजात बच्चों के विशेषज्ञ डॉक्टरों से सलाह मिल सकेगी.

नवजात बच्चों में जोंडिस, लगातार उल्टी व वैक्सीनेशन से जुड़ी मिलेगी सलाह

नियोनेटोलॉजी विभाग के डॉक्टर किरण शंकर दास ने बताया कि ओपीडी में वैसे नवजात बच्चों को सलाह आसानी से मिल सकेगा जिन्हें दूध नहीं पीने की शिकायत, लगातार उल्टी करने की शिकायत और जोंडिस जैसी समस्या होती है. इसके अलावा बच्चों को नवजात को मिलने वाली वैक्सीनेशन संबंधी परेशानी का भी निजात मिल सकेगा.

अन्य खबरें