रांची: दो सिर वाले बच्चे को माँ-बाप छोड़कर भागे, डॉक्टर बने सहारा
- रांची में मानवता हुई शर्मसार दो सर वाले बच्चे को माता-पिता अस्पताल में ही छोड़कर भागे.
- उस बच्चे का जिम्मेदारी रिम्स के डॉक्टरों ने ली और डॉक्टर देवेश ने आगे बढ़कर रक्तदान किया.
- सीडब्ल्यूसी से पता चलने के बाद करुणा संस्थान के लोग आगे आये.
रांची. रांची के रिम्स अस्पताल से मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आ रही है. दो सिर वाले बच्चे के जन्म के बाद माता-पिता उस अस्पताल में ही छोड़कर भाग गए. बच्चे का कसूर बस इतना है कि उसे प्रकृति ने दो सिर देकर जन्म दिया. यदि बच्चा बोल पाता तो उसका एक ही सवाल होता ‘इसमें मेरा क्या कसूर है’. फिलहाल बच्चे की मदद के लिए रिम्स के डॉक्टर आगे आए.
बता दें दो सिर वाले बच्चे के जन्म से पहले ही माता-पिता को बच्चे की वास्तविक स्थिति के बारे में पता था इसलिए उन्होंने पता भी गलत दिया था. माता-पिता ने पहले से ही तय कर रखा था कि जन्म के बाद बच्चे को छोड़कर भाग जाना है उन्होंने ठीक वैसे ही किया. बच्चे को नियोनेटल आइसीयू में भर्ती करने के बाद घरवाले घुपचुप तरीके से भाग गए. लेकिन रिम्स के डॉक्टरों ने बच्चे को बचाने की जिम्मेवारी अपने सिर उठा ली.
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करूणा संस्थान आया आगे:
बच्चे के अकेले होने की सूचना रिम्स प्रबंधन ने सीडब्लूसी को दी. सीडब्लूसी से पता चलने के बाद करूणा संस्थान के लोग बच्चे के साथ खड़े हुए. डॉक्टर देवेश ने खुद से आगे आकर बच्चे को रक्तदान किया.
सिर के पीछे का हिस्सा सही से विकसित नहीं हो पाता है:
रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ सीबी सहाय ने कहा कि बच्चे को जन्मजात बीमारी है. इस बीमारी में सिर के पीछे के भाग का हिस्सा जिसे मस्तिष्क कहते हैं और सीएसएफ बाहर निकल कर एक थैली की तरह बन जाता है, जो ठीक सिर की तरह ही दिखता है. चिकित्सीय भाषा में इसे ओसिपिटल मेनिनजो इंसेफालोसिल कहा जाता है. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की टीम ने मिलकर 2 घंटे तक ऑपरेशन किया है. अगले तीन दिन तक बच्चे को डॉक्टरों की गहन निगरानी में रखा जाएगा. बताया जो रहा है बच्चे के माता-पिता बोकारो के रहने वाले हैं लेकिन अभी साफ नहीं क्योंकि पता उन्होंने गलत लिखवाया था.
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