विपक्ष के हंगामे के बीच झारखंड विधानसभा में सरना कोड का प्रस्ताव पारित
- बीते लंबे समय से सरना कोड लेकर जारी चर्चा परिचर्चा के बाद आज इसे जुड़ा प्रस्ताव विधानसभा में पूर्ण बहुमत से परित कर दिया गया. चर्चा के दौरान बीजेपी ने सरना धर्म कोड की मांग उठाई.
रांची: बीते 9 नवंबर को झारखंड कैबिनेट में सरना कोड प्रस्ताव को पारित कर दिया गया. जिसके बाद आज 11 नवंबर को सरना कोड पर चर्चा के लिए विशेष विधानसभा सत्र के लिए मंजूरी दी गई थी. जिसके बाद आज आयोजित सत्र में भारी हंगामे के बीच सरना कोड का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया.
जानकारी के मुताबिक झारखंड विधानसभा में आज सरना कोड पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाया गया. जिसमें चर्चा के दौरान बीजेपी ने आदिवासी / सरना कोड की जगह सरना धर्म कोड या आदिवासी सरना धर्म कोड की मांग की. इसके साथ ही बंधू तिर्कि भी आदिवासी शब्द विलोपित करने की मांग कर रहे हैं. सदन में बार बार हुए हंगामे के बाद भी विधानसभा से सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हुआ.
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दरअसल झारखंड में विभिन्न जनजातियां अपनी अलग धार्मिक प्रथाओं के विभिन्न सेटों का पालन करती हैं. लेकिन राष्ट्रीय जनगणना में उनकी अलग धार्मिक पहचान का उल्लेख नहीं किया जाता है. उन्होंने कहा कि झारखंड के आदिवासियों के लिए एक अलग धार्मिक संहिता की मांग के लिए कैबिनेट ने हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध या जैन का भेद नहीं किया है. बता दें कि झारखंड में आदिवासियों को आदिवासी कहा जाता है जो प्रकृति की पूजा करते हैं और सरना उनका धर्म है इसके साथ ही पूर्वोत्तर के खासी और जयंतिया सरना नहीं हैं.
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