रांची: 20 करोड़ की लागत से बना बूचड़खाना दो साल बाद फिर से शुरू होगा, जानें फायदे

Smart News Team, Last updated: Fri, 29th Jan 2021, 12:16 PM IST
  • इसकी तैयारियों को लेकर गुरुवार को हेल्थ ऑफिसर डॉ किरण कांके स्थित स्लॉटर हाउस पहुंचे. उन्होंने बताया कि 15 फरवरी के बाद एक बार फिर से स्लॉटर हाउस खुलने जा रहा है. इस बार बूचड़खाने के संचालन को लेकर कुछ बदलाव किए गए हैं.
15 फरवरी के बाद एक बार फिर से स्लॉटर हाउस खुलने जा रहा है

रांची. हाइजीन मीट की चाह रखने वालों के लिए खुशखबरी है करीब दो साल से बंद रांची नगर निगम का स्लॉटर हाउस अगले माह से दोबारा शुरू होने की उम्मीद है. इसकी तैयारियों को लेकर गुरुवार को हेल्थ ऑफिसर डॉ किरण कांके स्थित स्लॉटर हाउस पहुंचे. उन्होंने बताया कि 15 फरवरी के बाद एक बार फिर से स्लॉटर हाउस खुलने जा रहा है. इस बार बूचड़खाने के संचालन को लेकर कुछ बदलाव किए गए हैं.

उन्होंने कहा कि संचालन कर रही कंपनी प्राइवेट बकरों की कटाई भी करेगी. इसके अलावा राजधानी में पांच जगह मॉडल मीट शॉप भी खोला जाएगा, ताकि रांची के लोगों को वाजिब दर पर हाइजेनिक बकरे का मांस खाने को मिले. स्लॉटर हाउस से मीट एसी वैन में शॉप तक पहुंचाया जाएगा. स्लॉटर हाउस में बकरा काटने से पहले पशु चिकित्सक उसके स्वास्थ की जांच करेंगे. उनकी अनुमति के बाद ही बकरा काटा जाएगा. डॉ किरण ने बताया कि स्लॉटर हाउस में रोजाना 2000 बकरे व भेड़ काटने की क्षमता है. साथ ही बकरे को हलाल करने की भी सुविधा है.

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रांची नगर निगम ने 18 करोड़ रुपये खर्च कर स्लॉटर हाउस बनवाया था. इसके पीछे शहर में खुले में मीट बेचने पर रोक लगाना मेन मकसद था, यह तय समय- सीमा छह माह पहले बनकर तैयार हो गया था. लेकीन छह माह में एक भी बकरा नहीं कटा था. ऐसे में हालात भयावह होते जा रहे थे. स्लाटर हाउस के न चलने से रखरखाव जा खर्चा और कर्मियों के लिए वेतन तक पैसे नहीं थे. जबकि इस स्लॉटर हाउस में डेली 1000 पशुओं (खस्सी, बकरा, भेड़) को काटने और उनके मीट को प्रोसेस करने की क्षमता है। इसके बाद भी स्लाटर हाउस को बकरों का इंतजार था. वहीं दूसरी तरफ इसके नियमों को लेकर भी स्थानीय मांस व्यवसायी असंतुष्ट थे. इसके विरोध में इन्होंने झारखंड हाई कोर्ट की शरण ली है.

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नगर निगम ने स्लॉटर हाउस में कटने वाले बकरों की बिक्री के लिए शहर में पांच मॉडल शॉप भी खोले थे. लाखों रुपये खर्च कर खोले गए इन माडॅल शॉप में हाइजेनिक मीट मिलने के दावे किए गए थे. लेकिन, विवादों और अव्यवस्था के कारण बकरा नहीं कटने से खुले पांचों मॉडल शॉप भी बंद हो गए. यहां से कुछ ही दिनों तक लोगों को बकरे का हाइजेनिक मीट मिल पाया था.

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