7 साल की बच्ची रेप मामले में पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई आरोपी को 20 साल की सजा, 30 हजार जुर्माना

Swati Gautam, Last updated: Wed, 8th Sep 2021, 8:19 PM IST
  • रांची में सात साल की बच्ची से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को पॉक्सो की विशेष अदालत ने दोषी ठहराते हुए तीन अलग-अलग धाराओं में 20-20 साल कैद की सजा सुनाई है और आरोपी पर तीस हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना न देने के एवज में आरोपी को डेढ़ साल अतिरिक्त जेल की सजा काटनी पड़ेगी.
7 साल की बच्ची रेप मामले में पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई आरोपी को 20 साल की सजा, 30 हजार जुर्माना (फाइल फोटो)

रांची. सात साल की बच्ची से दुष्कर्म करने के आरोपी महादेव लोहरा उर्फ छोटन को पॉक्सो की विशेष अदालत ने दोषी ठहराते हुए अलग-अलग धाराओं में 20-20 साल कैद की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी पर 30 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने पर आरोपी को अतिरिक्त डेढ़ साल की सजा काटनी होगी. दरअसल मामला 2019 का कांके थाना क्षेत्र का है. पॉक्सो की अदालत के आदेशानुसार आरोपी पर तीनों सजाएं साथ-साथ चलेगी. कोर्ट की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की और से तीन लोगों ने गवाही दी.

पीड़िता की और से सहायक लोक अभियोजक डी.एन द्विवेदी ने अदालत के सामने अपना पक्ष रखा. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. आपको बता दें कि ये मामला 2019 का है. रांची के कांके थाना क्षेत्र में अभियुक्त महादेव लोहरा ने 19 सितंबर को एक सात साल की बच्ची को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया और फिर उसे अपनी हवस का शिकार बनाया. मासूम बच्ची के साथ हुई हैवानियत के बारे में जब मां को पता लगा तो उनके होश उड़ गए. पीड़िता की माँ ने 20 सितंबर को कांके थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी. अदालत की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की और से पांच लोगों को प्रस्तुत किया गया. लेकिन अदालत ने इनमें से दो गवाहों को हॉस्टाइल घोषित कर दिया. दो सालों के बाद कोर्ट ने आरोपी को सजा सुनाई है.

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दरअसल मेडिकल जांच और एफएसएल रिपोर्ट में बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी. सहायक लोक अभियोजक डीएन द्विवेदी ने अदालत में कहा कि अभियुक्त ने जघन्य एवं गंभीर अपराध किया है। उन्होंने अदालत से अभियुक्त को इस कृत्य के लिए कठोर से कठोर सजा सुनाई जाने की अपील की. घटना के बाद से ही अभियुक्त जेल में है. 'प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस' यानी POCSO एक्ट है जिसे 2012 में नाबालिग बच्चों को यौन शोषण और यौन हमलों से बचाने के लिए बनाया गया था.

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