छत्तीसगढ़: तेंदूपत्ता की मांग बढ़ी, इस साल बिकेगा चार साल की तुलना में सर्वाधिक

Ruchi Sharma, Last updated: Wed, 5th Jan 2022, 2:31 PM IST
  • छत्तीसगढ़ का हरा सोना है यानी तेंदूपत्ता की मांग इस साल बढ़ी है. उम्मीद लगाई जा रही है कि इस साल 2022 में छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता 914 करोड़ में बिकेगा. यह चार वर्षों की तुलना में सर्वाधिक है. इससे संग्रहणकर्ताओं को अच्छा लाभ व सरकार को बड़ा राजस्व मिलेगा.
छत्तीसगढ़: तेंदूपत्ता की मांग बढ़ी, इस साल बिकेगा चार साल की तुलना में सर्वाधिक

रांची.छत्तीसगढ़ का हरा सोना है यानी तेंदूपत्ता की मांग इस साल बढ़ी है. उम्मीद लगाई जा रही है कि इस साल 2022 में छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता 914 करोड़ में बिकेगा. यह पिछले चार सालों की तुलना में सबसे ज्यादा है. इससे संग्रहणकर्ताओं को अच्छा लाभ व सरकार को बड़ा राजस्व मिलेगा. इस साल देशभर में से बड़ी संख्या में निविदाकार आए हैं. इसी क्रम में तेंदूपत्ता संग्रहण 2022 की पहली टेंडर में अधिसूचित मात्रा की 68 प्रतिशत मात्रा का विक्रय औसत दर 8,067 रुपये प्रति मानक बोरा की दर से किया जाएगा. इससे कुल 914 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे. इससे संग्रहणकर्ताओं को अच्छा लाभ व सरकार को बड़ा राजस्व मिलेगा.

वन विभाग के अफसरों के मुताबिक इस साल तेंदूपत्ता की मांग अच्छी होने के कारण विक्रय दर में वृद्धि हुई है. जंगलों में मिलने वाला यह पत्ता मूल रूप से बीड़ी बनाने के काम आता है और वनवासियों की आय का यह प्रमुख माध्यम है. प्रदेश में तेंदूपत्ता को हरा सोना भी कहा जाता है.

 

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पहली टेंडर में पूरे देश के 174 लोग शामिल

राज्य की अच्छी गुणवत्ता के तेंदूपत्ता को ध्यान में रखकर इस बार पहली टेंडर में पूरे देश के 174 लोग शामिल हुए. जानकारी के मुताबिक राज्य में 2022 में संग्रहित होने वाले 902 प्राथमिक वनापेज सहकारी समितियों के 954 लाटों की अधिसूचित मात्रा 16.72 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता को बेचने 7 से 14 दिसंबर 2021 तक प्रथम चक्र की ऑनलाइन निविदा आमंत्रित की गई थी.

प्रथम निविदा में 25% मात्रा का विक्रय 240 करोड़ में बिका था

अब दूसरे चरण के लिए 4 से 6 जनवरी 2022 तक ऑनलाइन निविदा आमंत्रित की गई है. तेंदूपत्ता संग्रहण वर्ष 2019 में प्रथम निविदा में 25% मात्रा का विक्रय 240 करोड़ रुपए, वर्ष 2020 में 18 प्रतिशत मात्रा का विक्रय 172 करोड़ और संग्रहण वर्ष 2021 में प्रथम निविदा में 62% मात्रा का विक्रय 704 करोड़ रुपए में किया गया था.

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