अंगूठे के निशान से हुई पहचान, 4 साल से खोया बच्चा ऐसे पहुंचा परिवार के पास

Nawab Ali, Last updated: Fri, 19th Nov 2021, 7:49 AM IST
  • रांची आधार कार्ड में अंगूठे का निशान चार साल से बिछड़े मानसिक रूप से बीमार बच्चे को उसके परिवार से मिलने का जरिया मिला. लेकिन रांची के शेल्टर होम में जब बच्चे का आधार कार्ड बनवाने के लिए उसे कार्यालय में ले जाया गया, जहां पर अंगूठा फिंगर प्रिंट मशीन पर रखते ही उसके परिवार का पता चल गया.
आधार कार्ड ने मिलाया चार साल से बिछड़े मासूम को परिवार से. फाइल फोटो

रांची. झारखंड की राजधानी रांची आधार कार्ड परिवार से बिछड़े एक बच्चे को उसके परिजनों से मिलाने का जरिया बना है. मानसिक रूप से कमजोर एक नाबालिग बच्चा साल 2019 से शेल्टर होम में रह रहा था. मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण वो अपने परिवार के बारे में कोई भी जानकारी नहीं दे पा रहा था लेकिन काफी समय से शेल्टर होम में रह रहे बच्चे को जब नाम और पहचान देने के लिए आधार कार्ड की फिंगर प्रिंट मशीन पर अंगूठे के निशान रखवाया गया तो उसके परिजनों के बारे में जानकरी निकल कर सामने आई. 

शेल्टर होम संचालकों का कहना है कि यह नाबालिग बच्चा लंबे समय से उनके साथ रह रहा है. लेकिन उसकी मासिक स्थिति ठीक न होने के कारण वो अपने परिवार के बारे में जानकारी नहीं दे पा रहा था. जिस वजह से शेल्टर होम बच्चे की देखभाल कर रहा था. रांची बाल कल्याण समिति की सदस्य तनुश्री सरकार का कहना है कि शेल्टर संचालकों ने बच्चे को नई पहचान देने के लिए उसका आधार कार्ड बनवाने का निर्णय लिया था जिसके बाद जब उसका अंगूठे का निशान फिंगर प्रिंट मशीन से जोड़ा गया तो उसके परिवार के संबंध में जानकारी निकल कर सामने आई.

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आधार कार्ड के जरिये पता चला की नाबालिग बच्चा चार साल से अपने परिवार से बिछड़ा हुआ है. नाबालिग बच्चा ईंट भट्ठे पर काम करने आये माता-पिता के साथ बुढ़मू में आया था लेकिन इसी दौरान वो लापता हो गया. जिसके बाद माता-पिता ने अपने बच्चे की गुमशुदा की रिपोर्ट भी बुढ़मू थाना में लिखवाई थी. लेकिन काफी खोजने के बाद भी बच्चे का कोई सुराग नहीं लग पाया था. जिसके बाद वो लोग वापस गया लौट गए थे. बाल कल्याण समिति ने कागजी कार्रवाई के बाद बच्चे को उनके परिवार को सौंप दिया है. 

 

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