बेरोजगारों को ट्रेनिंग देकर बनाता था साइबर फ्रॉड, बैंक कर्मचारियों से थी मिलीभगत

Smart News Team, Last updated: Sun, 8th Nov 2020, 12:27 AM IST
  • राहुल अपने गिरोह में बेरोजगार युवकों को अपने साथ जोड़ता था इनकी युवाओं के उम्र लगभग 20 से 28 के बीच होती थी. उनके प्रमाणपत्र के आधार पर वह देश के विभिन्न स्थानों पर खाते खुलवाता था. इन खातों की डिटेल को अपने पास रखकर इनका इस्तेमाल बाद में ट्रांसजेशन के लिए करता था
अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधी राहुल को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

रांची. पिछले 11 महिने से फरार अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधी राहुल को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. साइबर क्राइम के माहिर खिलाड़ी राहुल की गिरफ्तारी के बाद से पुलिस ने एक से एक चौंकाने वाले खुलासे किये हैं. राहुल अपने गिरोह में बेरोजगार युवकों को अपने साथ जोड़ता था इनकी युवाओं के उम्र लगभग 20 से 28 के बीच होती थी. उनके प्रमाणपत्र के आधार पर वह देश के विभिन्न स्थानों पर खाते खुलवाता था. इन खातों की डिटेल को अपने पास रखकर इनका इस्तेमाल बाद में ट्रांसजेशन के लिए करता था 

साथ ही मामले की जांच कर रही पुलिस को पता चला है कि राहुल की बैंक कर्मचारियों के साथ सांठगांठ थी जिसका सहारा लेकर वो अपराध को अंजाम देता था. बैंक कर्मचारियों को इसके लिए कमीशन भी दिया जाता था जो की पैसों का स्थानांतरण करते थे. साइबर ठगी में अलग- अलग बैंक अकांउट का इस्तेमाल किया जाता, जिसकी सहायता से पुलिस जांच से बचा जाता था

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पुलिस जांच से बचने के लिए राहुल के पास 6 खाते थे जिनका इस्तेमाल बड़े शातिराना ढंग से करता था. जांच के दौरान इन खातों में से कुछ में तो जीरो बैलेंस था जबकि कुछ में लाख रुपये तक पड़े हुए थे. पुलिस को यह भी पता चला कि राहुल ने पश्चिम बंगाल के वर्द्धमान में नकली सामान को पैक करने के लिए कुछ लड़कों को रखा था, जो उसके ई कामर्स से सामान बुक करने वाले ग्राहकों को सामान भेजते थे.

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