Chanakya Niti : इन 3 आदतों का आज ही कर दें त्याग, घर में बनी रहेगी मां लक्ष्मी की कृपा
- चाणक्य नीति कहती है कि जीवन में अगर वाकई सुख की कामना है तो सबसे पहले आलस का त्याग करना सीखिए. आलसी व्यक्ति न तो शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकता है और न ही आर्थिक रूप से संपन्न हो सकता है.
हर कोई अपने जीवन में खुश की कामना करते हैं. लेकिन जीवन में सुख और दुख आपस में जुड़े होते हैं. आचार्य चाणक्य का भी यही मानना था. आचार्य ने जीवन को सुखी बनाने के कुछ तरीके बताए हैं और इन सब के बीच कुछ आदतों का त्याग करने की सलाह दी है. इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और व्यक्ति को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. ऐसा व्यक्ति हर जगह कामयाबी प्राप्त करता है. जानिए उन 3 आदतों के बारे में जिन्हें छोड़ना जरूरी है.
चाणक्य नीति कहती है कि जीवन में अगर वाकई सुख की कामना है तो सबसे पहले आलस का त्याग करना सीखिए. आलसी व्यक्ति न तो शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकता है और न ही आर्थिक रूप से संपन्न हो सकता है. ऐसा व्यक्ति अपने इस अवगुण के कारण हाथ में आयी चीज को भी गवां देता है. यदि सफलता प्राप्त करना है और शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से संपन्न रहना है तो आलस का परित्याग बहुत जरूरी है. आलसी व्यक्ति से माता लक्ष्मी हमेशा रूठी रहती हैं.
चाणक्य नीति: जीवन में सफल रहने के लिए अपनाए ये गुण,लक्ष्मी जी भी रहती हैं प्रसन्न
अगर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना है तो मेहनत कीजिए और अपनी तकदीर खुद लिखने का हुनर लेकर आइए. यदि वक्त को और तकदीर को कोसेंगे तो कुछ भी हासिल नहीं कर पाएंगे. किसी भी क्षेत्र में परिश्रम के बिना सफलता संभव नहीं है. इस बात को हर व्यक्ति को समझना बहुत जरूरी है.
नशे की लत व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक तीनों तरह से बर्बाद कर देती है. नशे की लत जिस व्यक्ति को हो, वो कभी बहुत परिश्रम नहीं कर सकता और न ही जीवन में बहुत सफल हो सकता है. नशे की लत योग्य व्यक्ति को भी अयोग्य बना देती है. इसलिए मां लक्ष्मी का आशीर्वाद चाहिए तो इस लत का त्याग कर दें.
हर कोई अपने जीवन में खुश की कामना करते हैं. लेकिन जीवन में सुख और दुख आपस में जुड़े होते हैं. आचार्य चाणक्य का भी यही मानना था. आचार्य ने जीवन को सुखी बनाने के कुछ तरीके बताए हैं और इन सब के बीच कुछ आदतों का त्याग करने की सलाह दी है. इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और व्यक्ति को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. ऐसा व्यक्ति हर जगह कामयाबी प्राप्त करता है. जानिए उन 3 आदतों के बारे में जिन्हें छोड़ना जरूरी है.
चाणक्य नीति कहती है कि जीवन में अगर वाकई सुख की कामना है तो सबसे पहले आलस का त्याग करना सीखिए. आलसी व्यक्ति न तो शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकता है और न ही आर्थिक रूप से संपन्न हो सकता है. ऐसा व्यक्ति अपने इस अवगुण के कारण हाथ में आयी चीज को भी गवां देता है. यदि सफलता प्राप्त करना है और शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से संपन्न रहना है तो आलस का परित्याग बहुत जरूरी है. आलसी व्यक्ति से माता लक्ष्मी हमेशा रूठी रहती हैं.
चाणक्य नीति: जीवन में सफल रहने के लिए अपनाए ये गुण,लक्ष्मी जी भी रहती हैं प्रसन्न
अगर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना है तो मेहनत कीजिए और अपनी तकदीर खुद लिखने का हुनर लेकर आइए. यदि वक्त को और तकदीर को कोसेंगे तो कुछ भी हासिल नहीं कर पाएंगे. किसी भी क्षेत्र में परिश्रम के बिना सफलता संभव नहीं है. इस बात को हर व्यक्ति को समझना बहुत जरूरी है.
नशे की लत व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक तीनों तरह से बर्बाद कर देती है. नशे की लत जिस व्यक्ति को हो, वो कभी बहुत परिश्रम नहीं कर सकता और न ही जीवन में बहुत सफल हो सकता है. नशे की लत योग्य व्यक्ति को भी अयोग्य बना देती है. इसलिए मां लक्ष्मी का आशीर्वाद चाहिए तो इस लत का त्याग कर दें.
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