सर्दियों में कई बीमारियों से बचाएगा साकभाजी का सेवन
- सर्दी का मौसम शुरू हो गया है. ऐसे में अपने शरीर को गर्म करने के लिए लोग कई तरीकों का इस्तेमाल करते जिनमें कुछ तरीके प्राकृतिक होते हैं. कृतिम उपाय हमेशा से ही शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में गर्म कपड़ों के साथ-साथ प्राकृतिक वस्तु साकभाजी का सेवन आपके शरीर को न केवल गर्म रखता है.
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रांची .यूं तो झारखंड में साकभाजी का प्रचुर मात्रा में भंडार है. किंतु आदिवासी समाज का जीवन ज्यादातर साग भाजी के सेवन पर ही निर्भर है. आदिवासी समाज में 70 प्रकार के साग की वनस्पतियां मिलती है. जिनमें 52 प्रकार के साथ को आदिवासी समाज में रोजमर्रा के जीवन में सेवन किया जाता है. सर्दियों के मौसम में बाजारों में हरी सब्जियों के साथ ही पत्तेदार सब्जियां बहुतायत में प्राप्त होती हैं.
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इनमें कुछ सब्जियां औषधि युक्त होती हैं जो शरीर को भरपूर आयरन के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि में सहायक होती हैं. चिकित्सक भी ऐसा मानते हैं कि साग में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व के साथ ही कार्बोहाइड्रेट फाइबर पोटेशियम विटामिन ए सी डी व बी12 मैग्नीशियम आयरन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है साथ ही साग में एंटीऑक्सीडेंट के तत्व भी पाए जाते हैं जो शरीर की उम्र यूनिटी को बढ़ाते हैं. सालों में पालक का साग चना का साग सरसों का साग बथुआ का साग चौलाई का साग मेथी का साग पोई का साग सहजन का साग पुनर्नवा का साग हेमचा का साग बेंग साग ऐसे औषधि सागों की श्रेणी में आते हैं जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही शरीर को गर्म रखने में सहायक होते हैं.
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