रांची: गेसवे गांव में किसानों को विशेषज्ञों ने दी ईंधन बचत के बारे में जानकारी

Smart News Team, Last updated: Thu, 12th Nov 2020, 12:18 PM IST
  • किसानों को कृषि की नवीनतम तकनीकों के बारे में जानकारी देने के लिए ईंधन बचत विषय पर गांव गेसवे में कार्यशाला करवाई गई और उन्हें जैविक खेती करने की विधी और उसके फायदों के बारे में भी जानकारी दी गई
गेसवे गांव में किसानों की कृषि की नवीनतम तकनीकों के बारे में जानकारी दी गई

रांची. किसानों को ईंधन बचत करने के तरीकों से अवगत करवाने के लिए बुढ़मू प्रखंड के गेसवे गांव में बुधवार को ईधन बचत विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस आयोजन में रामकृष्ण मिशन आश्रम, दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र तथा पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ ने योगदान दिया. कार्यशाला में किसानों को ट्रैक्टर व पंप सेट इस्तेमाल करते समय डीजल बचाने की तकनीक के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. कार्यशाला में कृषि अभियंता ने किसानों को कृषि संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी दी. उन्होंने समेकित कृषि प्रणाली आधारित जैविक विधि से खेती करने की तकनीक से किसानों को अवगत करवाया. उन्होंने कहा कि जैविक विधि से खेती करके किसान कम लागत में बेहतर उत्पादन कर सकते हैं. इससे उनकी उपज भी बढ़ेगी और उसकी गुणवत्ता भी पहले से कई गुना बेहतर होगी.

उन्होंने बताया कि केमिकल का इस्तेमाल करने से मिट्टी की ताकत कमजोर हो जाती है, जिससे अच्छी खेती नहीं होती. वहीं, उत्पाद भले ही अधिक हो, फसल की गुणवत्ता में कमी आ जाती है. कार्यक्रम के दौरान चैंगड़ा पंचायत के मुखिया सत्यनारायण मुंडा ने किसानों को ईधन, जल एवं ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों के संरक्षण के बारे में जानकारी दी. उन्होंने किसानों को जानकारी दी कि वे किस तरह जैविक विधि से खेती कर बेहतर आमदनी प्राप्त कर सकते हैं और मिट्टी की पोषण शक्ति को भी बढ़ाया जा सकता है.

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इस मौके पर समाजसेवी डॉ. मदन ने भी गांव के किसानों को राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण विकास के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी. सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे सभी तरह के संसाधनों की जानकारी देते हुए तारीफ की. वहीं, आश्रम के ब्रह्मचारी सपन महाराज ने बताया कि संस्थान का उद्देश्य किसानों को जागरूक करना है. वह चाहते हैं कि देश के किसान आत्मनिर्भर बनें. खेती को उन्होंने अर्थव्यवस्था का रीढ़ बताया और कहा कि ईधन, जल, जलस्रोत बचाकर किसान भविष्य संवार सकते हैं. अगर इन्हें नहीं बचाया गया तो आने वाले दिनों में किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. कार्यशाला में मोती लाल महतो, राजनाथ महतो, हरि लाल महतो, संजय कु. महतो, बिहारी लाल महतो, राजेंद्र प्रसाद, पंचायत समिति सदस्य रीता देवी सहित सैकड़ों किसान शामिल हुए.

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