Amavasya 2022: माघ मौनी अमावस्या पर बन रहा चार ग्रहों का विशेष योग, ऐसे दूर होगा पितृ दोष

Pallawi Kumari, Last updated: Sun, 30th Jan 2022, 5:26 PM IST
  • हर साल माघ मास के कृष्‍ण पक्ष की अमावस्‍या को मौनी अमावस्‍या कहा जाता है. इस दिन को स्नान, दान, श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है. पूर्वजों का दिन होने के कारण इसे श्राद्ध अमावस्या भी कहा जाता है. माघ मास में पड़ने वाली अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करना चाहिए. इससे पितृ दोष दूर होता है.
मौनी अमावस्या (फोटो-लाइव हिन्दु्स्तान)

माघ महीने में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या या श्राद्ध अमावस्या कहा जाता है. इस बार मंगलवार एक फरवरी 2022 को मौनी अमावस्या पड़ रही है. इस दिन पितृ दोष से मुक्ति के लिए उनका तर्पण किया जाता है. साथ ही अमावस्या पर स्नान और दान-पुण्य का भी खास महत्व होता है. लोग पवित्र नदियों में स्नान कर व्रत रखते हैं और पूजा पाठ करते हैं. तिल या तिल से बनी चीजें, कबंल और वस्त्र आदि का दान मौनी अमावस्या पर उत्तम माना जाता है.

चार ग्रहों से बना रहा शुभ संयोग-

इस बार मौनी अमावस्या के दिन चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में है और चार ग्रह सूर्य, बुध, चंद्र व शनि मकर राशि में महासंयोग बना रहे हैं. इस शुभ संयोग में पितरों का पूजन और तर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है. जिनकी कुंडली में पितृ दोष होता है उन्हें इस दिन पितरों का तर्पण और दान जरूर करना चाहिए.

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अमावस्या तिथि और समय-

माघ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या 1 फरवरी मंगलवार को होगा. अमावस्या तिथि का सोमवार 31 जनवरी को दोपहर 1:15 से शुरू हो रही है और मंगलवार सुबग 11:15 तक मान्य रहेगा. इसलिए श्राद्ध के लिए अमावस्या 31 को ही प्राप्त हो रही है. लेकिन उदय कालिक महत्त्व के कारण स्नान दान एवं मौनी अमावस्या का पर्व 1 फरवरी दिन मंगलवार को होगा.

मौनी अमावस्या के दिन क्या करें-

1. इस दिन विष्णु भगवान और पीपल पेड़ की पूजा करें.

2. पीपल के पेड़ की 108 बार परिक्रमा करें.

3.पितृ दोष से मुक्ति के लिए सूर्य देव की उपासना करें.

4.सूर्योदय से पहले काले तिल में जल मिलाकर पितरों का तर्पण करें.

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