रांची: मास्क कर रहा सुरक्षा कवच का काम, कोरोना के साथ प्रदूषण से भी बचा रहा
- कोरोना के चलते प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक मास्क का प्रयोग करना अनिवार्य बनाया गया है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण और बीमारियों से बचाने के लिए इस दिवाली पर लोगों को मास्क के इस्तेमाल ने प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से बचाया है.

रांची. इस साल की शुरुआत से कोरोना ने सभी की जीवनशैली को बदल कर रख दिया है. कोरोना गाइडलाइंस में से एक मास्क की अनिवार्यता का दिवाली पर लोगों को बहुत फायदा पहुंचा है. दिवाली पर सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है जोकि स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है. प्रदूषित हवा जब नाक और मुंह के रास्ते शरीर में दाखिल हो जाती है तो शरीर के लिए काफी नुकसानदायक साबित होती है लेकिन मास्क ने इस बार दिवाली पर कोरोना के साथ प्रदूषण से भी बचाने का काम किया है.
कोरोना के डर और प्रशासन की सख्ती से बाजारों और गलियों में घरों से बाहर निकलते समय लोगों को मास्क का इस्तेमाल करते देखा गया है. जिसने लोगों के लिए प्रदूषण से बचाव हेतु भी सुरक्षा कवच का काम किया है. मास्कर के इस्तेमाल से लोगों को एक साथ दो फायदे हुए. पहला कोरोना से बचाव हुआ और दूसरा एयर पॉल्यूशन से भी छुटकारा मिल गया.
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रिम्स के सीटीवीएस विभाग के डॉ अंशुल कुमार ने बताया कि प्रदूषित हवा शरीर में प्रवेश करने से फेफड़ों की समस्या अधिक बढ़ जाती है. दिवाली पर अकसर इसके मरीजों की संख्या में भी इजाफा होता है और करीब 15 दिनों तक ओपीडी में लंग्स इंफेक्शन के मरीजों का आना जाना लगा रहता है. उन्होंने कहा कि इस बार मास्क ने सुरक्षा कवच का काम किया है, जिस कारण लंग्स इंफेक्शन की समस्या कम होगी. मास्क ने कोरोना से बचाने के साथ पटाखों से निकलने वाले धुंए से होने वाले पॉल्यूशन और हानिकारक गैस से भी बचाने का काम किया है. मास्क से नाक और मुंह दोनों ढका रहने से प्रदूषण फेफड़ों तक नहीं पहुंच पाता है.
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