ठण्डे बस्ते में पड़ी मोबाइल एम्बुलेंस की योजना

Smart News Team, Last updated: Mon, 9th Nov 2020, 4:37 PM IST
  • प्रदेश के दूरदराज और दुर्गम मार्गों वाले इलाकों में मरीजों को इलाज हेतु ले जाने के लिए राज्य द्वारा शुरू की गई बाइक एम्बुलेंस योजना को ज़्यादातर जिलों के उपायुक्तों ने नकार दिया है. इस वजह से सरकार द्वारा फ़िलहाल इस योजना को किनारे कर फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. 
रांची में बाइक एम्बुलेंस योजना को ठन्डे बास्ते में दाल दिया गया है

राँची. इस योजना के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक प्रस्ताव तैयार किया गया था. प्रस्ताव में कहा गया था कि राज्य की ज़्यादातर आबादी दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है जिनको समुचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा पाना बहुत मुश्किल होती है. इसके अलावा इन क्षेत्रों में मौजूद स्वास्थ्य उपकेंद्रों की सेवाएं भी उन तक नहीं पहुंच पातीं. ऐसे क्षेत्रों के लोगों को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बाइक एंबुलेंस योजना शुरू की जानी चाहिए. एम्बुलेंस बाइक में ऑक्सीजन की भी व्यवस्था रहेगी व योजना के तहत बाइक एंबुलेंस की एक ओर ट्राली लगी होगी. इसके जरिये आसानी से गंभीर रोगी को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सकता.

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इसके बाद सरकार द्वारा 2019-20 के बजट में इस योजना के लिए 30 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी. इस योजना को स्वीकृत कराने से पहले सभी जिलों से सुदूर प्रखंडों की पहचान करते हुए बाइक एंबुलेंस की आवश्यकता का आकलन कर प्रस्ताव देने को कहा गया था, लेकिन अधिसंख्य जिलों से उपायुक्तों ने इसकी आवश्यकता ना बताते हुए सामान्य एंबुलेंस या 108 एंबुलेंस की ही प्राथमिकता दी. एक-दो जिलों ने अपने स्तर से ऐसे एंबुलेंस सीएसआर फंड से खरीदे जाने की जानकारी दी.

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